Maharashtra Elections 2024: वर्ली में सेना vs सेना; आदित्य ठाकरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे मिलिंद देवड़ा
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना विधानसभा चुनाव में हर सीट पर पूरी तैयारी के साथ उतर रही है. शिंदे सेना ने वर्ली सीट पर शिवसेना यूबीटी के आदित्य ठाकरे के खिलाफ राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतारने का फैसला लगभग तय कर लिया है.
मुंबई: एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना विधानसभा चुनाव में हर सीट पर पूरी तैयारी के साथ उतर रही है. शिंदे सेना ने वर्ली सीट पर शिवसेना यूबीटी के आदित्य ठाकरे के खिलाफ राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतारने का फैसला लगभग तय कर लिया है. वर्ली विधानसभा सीट पर शिवसेना (ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे और शिंदे गुट से जुड़े मिलिंद देवड़ा के बीच कड़ा मुकाबला होगा. मिलिंद देवड़ा, पूर्व कांग्रेस सांसद, ने जनवरी में कांग्रेस से इस्तीफा देकर एकनाथ शिंदे के गुट का दामन थाम लिया था.
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सूत्रों के अनुसार, शिंदे सेना ने मिलिंद देवड़ा की उम्मीदवारी की पुष्टि कर दी है. वहीं, आदित्य ठाकरे अपनी सीट बचाने के लिए मैदान में उतरे हैं. इसके अलावा, राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने संदीप देशपांडे को इस मुकाबले में उतारा है.
वर्ली सीट
वर्ली का क्षेत्र मुंबई (दक्षिण) लोकसभा क्षेत्र में आता है, जो देवड़ा परिवार का गढ़ माना जाता है. मिलिंद देवड़ा के पिता मुरली देवड़ा ने यहां से चार बार चुनाव जीता था, जिनमें 1984 से 1991 के बीच लगातार तीन बार जीत शामिल थी. मिलिंद देवड़ा ने भी 2004 और 2009 में दो बार यहां से जीत हासिल की.
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में शिवसेना ने यहां मजबूत पकड़ बना ली है. आदित्य ठाकरे ने 2019 के विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट पर 65 प्रतिशत वोट शेयर के साथ बड़ी जीत हासिल की थी, जो कि शिंदे गुट के लिए इस बार कड़ी चुनौती साबित हो सकता है.
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने गुरुवार को ही वर्ली से नामांकन दाखिल किया था. मिलिंद देवड़ा के मैदान में आने से यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो जाएगा जहां एक तरफ आदित्य ठाकरे होंगे तो दूसरी तरफ मनसे के संदीप देशपांडे होंगे.
20 नवंबर को चुनाव
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. पिछले चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. हालांकि, चुनाव के बाद शिवसेना एनडीए से अलग हो गई और उसने एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने.
इसके बाद जून 2022 में शिवसेना में आंतरिक कलह हो गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे पार्टी के 40 विधायकों को लेकर अलग हो गए. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए. अब शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है. शरद पवार की एनसीपी भी दो गुट- शरद पवार और अजित पवार में बंट गई है.