Mahalaya Amavas 2020: कोरोना संकट के बीच कोलकाता में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन, हुगली नदी में डुबकी लगाने के लिए इकट्ठा हुई भीड़- देखें तस्वीरें

न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा साझा की गई तस्वीरों के अनुसार कई लोगों को महालय अमावस पर हुगली नदी में डुबकी लेते हुए देखा जा सकता है.

महालय अमावस्या (Photo Credits: PTI)

कोलकाता:  महालया अमावस्या (Mahalaya Amavas) जो पितृ पक्ष (Pitru Paksha) का आखिरी दिन होता है और इस दिन लोग अपने पूर्वजों को तर्पण देते हैं. इस साल कोरोना महामारी के बीच लोग सावधानी से पूजा विधि संपन्न कर रहे हैं, लेकिन कोलकाता (Kolkata) से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उनमें ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा साझा की गई तस्वीरों के अनुसार कई लोगों को महालय अमावस पर हुगली नदी में डुबकी लेते हुए देखा जा सकता है.

ऐसे समय में जब देश को महामारी से लड़ने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है, लेकिन तस्वीरें इसके विपरीत हैं. महालया के अवसर पर कई अनुष्ठान किए जाते हैं, लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए भोजन और पानी देते हैं, जिसे तर्पण के रूप में भी जाना जाता है. यह भी पढ़ें | पितृपक्ष के समापन का पर्व है महालया, अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को इन खूबसूरत हिंदी GIF Greetings, WhatsApp Stickers, Facebook Messages, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं.

कोरोना संकट के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन:

इसे सर्व पितृ अमावस्या, पितृ विसर्जनी अमावस्या या मोक्षदायिनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस बार महालया अमावस्या की समाप्ति के बाद शारदीय नवरात्रि आरंभ नहीं हो सकेगी.

दुर्गा पूजा और महालया के बीच का अंतर आमतौर पर सात दिनों का होता है, हालांकि इस साल महासष्टि 35 दिनों के बाद है. महालय और दुर्गा पूजा के बीच के समय को 'मल मॉस' या 'अपवित्र माह' कहा जाता है. दुर्गा पूजा आम तौर पर 'आश्विन' के महीने में होती है, लेकिन इस साल यह 'कार्तिक' के महीने में होगी.

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