चेन्नई: तमिलनाडु में एक बच्चा अपने जन्म से ही पराश्रित स्थिति में था और उसके इलाज के लिए उसके माता-पिता के पास धन का अभाव था, तो उन्होंने उसे इच्छा मृत्यु देने की अपील की, लेकिन मद्रास उच्च न्यायालय के हस्क्षेप के बाद उसे इलाज मुहैया कराया गया और उसकी हालत में सुधार हुआ है.
अदालत को यह जानकारी दी गई. सकारात्मक नतीजे से उत्साहित बच्चे के पिता ने अदालत में अभिवेदन देकर कहा कि उसका इलाज जारी रखा जाए.
बच्चे के पिता दर्जी हैं और उन्हें उसके इलाज का खर्च उठाने में मुश्किल आ रही थी. बच्चे को दी जा रही देखभाल की सराहना करते हुए अदालत ने बुधवार को कहा कि बच्चे में दिख रहा सुधार एक "चमत्कार’’ है.
न्यायमूर्ति एन किरूबकरण और न्यायूमर्ति पी राजामणिकम की खंडपीठ ने पी तिरूमेणी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. उसने अपने बेटे के लिए इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी थी.