Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में आदिवासी पर सियासत गरमाई, बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने

भोपाल: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी दशमत के साथ कथित भाजपा नेता के घृणित व्यवहार के मामले ने राज्य की सियासत के केंद्र में आदिवासी समुदाय को ला दिया है. एक तरफ जहां भाजपा की ओर से डैमेज कंट्रोल की कोशिश हो रही है तो वहीं कांग्रेस हमलावर है.

राज्य में गुरुवार को पूरे दिन राजनीति दशमत के इर्द-गिर्द घूमती रही. दशमत की शिवराज सिंह चौहान से मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात हुई तो उन्होंने न केवल उसके पैर धोए बल्कि माफी भी मांगी. इतना ही नहीं उन्होंने दशमत का सम्मान किया, उसके साथ नाश्ता और पौधरोपण भी किया. Maharashtra Politics: NCP में कब्जे की जंग, दिल्ली में शरद पवार की अहम बैठक; अजित पवार के खिलाफ लिया जा सकता है बड़ा एक्शन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत को अपना मित्र बताया और उसे सुदामा भी बोला. मुख्यमंत्री ने दशमत की पत्नी से भी बातचीत की और भरोसा दिलाया कि सरकार उसके साथ है.

एक तरफ जहां सरकार इस पूरे मामले को संभालने की कोशिश में लगी हुई है तो दूसरी ओर कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस नेताओं ने सीधी में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल की मौजूदगी में धरना-प्रदर्शन किया. युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया तो पीड़ित परिवार के बीच ही पहुंच गए.

वहीं, भोपाल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ आक्रामक मूड में नजर आए. उन्होंने शिवराज सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि सीधी में हुई अमानवीय घटना से मध्य प्रदेश कलंकित हुआ है. राज्य में 18 साल की शिवराज सरकार ने कानून-व्यवस्था की ऐसी बदहाल स्थिति बनाई है कि कोई व्यक्ति, कोई समुदाय सुरक्षित नहीं है. राज्य का आदिवासी समाज आज गहरे संकट में है.

उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के द्वारा दशमत के पैर धोने पर तंज कसा और कहा कि आज आवश्यकता पैर धोने की नहीं, अपने मन का मैल धोने की भी है.

वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि सीधी में घटित घटना ने प्रदेशवासियों को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना से मानव जाति शर्मसार हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चाहिए था कि पीड़ित परिवार के निवास पर जाकर संवेदना व्यक्त करते. लेकिन, उन्हें पीड़ित को अगवा कर भोपाल लाकर मीडिया इवेंट बनाना था और वैसा ही उन्होंने किया.