Indore Sex Racket: इंदौर में सेक्स रैकेट का गुर्गा गिरफ्तार, अब तक 75 शादियां, 200 लड़कियों की कर चुका है तस्करी
पुलिस के अनुसार आरोपी लड़कियों को बांग्लादेश और भारत के पोरस बॉर्डर पर नाले के रास्ते लाता था और बॉर्डर के पास के छोटे गांव में दलाल के जरिए लड़कियों को मुर्शिदाबाद और आसपास के गांव में लाकर ही भारत में एंट्री करवाता था. मुनीर को बीते गुरुवार को इंदौर एसआईटी (SIT) की टीम ने मुनीर को सूरत से गिरफ्तार किया है.
Indore Sex Racket: मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस (Indore Police) के गिरफ्त में आए बांग्लादेशी लड़कियों के तस्कर मुनीर उर्फ़ मुनीरुल को गिरफ्तार किया है. पुलिस के पूछताछ में मुनीर ने चौंकाने वाले अहम खुलासे किए हैं. पुलिस के अनुसार आरोपी ने बांग्लादेश से 200 से ज्यादा बांग्लादेशी लड़कियों को लाकर सेक्स रैकेट के धंधे में धकेला था. इस धंधे में मोटी कमाई करने के लिए वह हर महीने 55 से ज्यादा लड़कियों को वहां से लाता था. यही नहीं बांग्लादेश से लाने वाली लड़कियों में वह 75 लड़कियों से अब तक शादी कर चुका है. यह भी पढ़े: Mathura Sex Racket: मथुरा में बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, 5 महिलाएं समेत 12 गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार आरोपी लड़कियों को बांग्लादेश और भारत के पोरस बॉर्डर पर नाले के रास्ते लाता था और बॉर्डर के पास के छोटे गांव में दलाल के जरिए लड़कियों को मुर्शिदाबाद और आसपास के गांव में लाकर ही भारत में एंट्री करवाता था. मुनीर को बीते गुरुवार को इंदौर एसआईटी (SIT) की टीम ने मुनीर को सूरत से गिरफ्तार किया है.
मुनीर के बारे में पुलिस ने बताया कि बांग्लादेश से लड़कियों को लाने के बाद वह कुछ लड़कियों से शादी करता था. शादी के बाद उनके साथ सेक्स करता था. सेक्स से मन भर जाने के बाद वह उन लड़कियों को सेक्स रैकेट के दलालों के हाथों बेच देता था. पुलिस के अनुसार उसके इस काम के पीछे बड़ा नेटवर्क है. उसने कहा कि सेक्स रैकेट से जुड़ा गिरोह लड़कियों की पहले कोलकाता, फिर मुंबई में ट्रेनिंग कराता है इसके बाद डिमांड पर लड़कियों को देश के दूसरे शहरों भोपाल और अन्य शहरो में सप्लाई करता था.
लड़कियों को कही भेजने से पहले दी जाती थी ट्रेनिंग:
दरअसल अब तक इन लड़कियों के बारे में जो पता चला है. उसके अनुसार बांग्लादेश के एजेंट गरीब परिवार की लड़कियों को काम दिलाने के बहाने चोरी-छिपे बॉर्डर पार करवाकर कोलकाता तक लाते थे. यहां इन्हें एक हफ्ते से ज्यादा रखा जाता था. जिसमें बॉडी लैंग्वेज और बेहतर रहन-सहन की ट्रेनिंग दी जाती थी. ट्रेंनिंग कंप्लीट होने पर लड़कियों को मुंबई भेजा जाता था और यहां फिर ट्रेनिंग दी जाती थी. इसके बाद शहरों से आई डिमांड के अनुसार लड़कियों को उन शहरों तक भेजा जाता था.