स्वास्थ्‍य विशेषज्ञों की सलाह- लॉकडाउन 3.0 में और अधिक संयम की जरूरत

देश में आज से लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो गया है. कई जिलों में कुछ विशेष छूट दी जा रही है. इस बीच कोविड19 की लड़ाई में देश कहां पहुंचा और अब तक हुए लॉकडाउन का कितना असर पड़ा इसे लेकर भी लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं. यह वायरस के संक्रमण से बचने में बहुत मददगार है. इससे वायरस से जुड़ी तमाम जानकारी भी मिलती रहती है.

कोरोना वायरस के चलते बंद का ऐलान (Photo Credits: Twitter)

देश में आज से लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो गया है. कई जिलों में कुछ विशेष छूट दी जा रही है. इस बीच कोविड19 (Covid-19) की लड़ाई में देश कहां पहुंचा और अब तक हुए लॉकडाउन का कितना असर पड़ा इसे लेकर भी लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं. जिस पर जानकारी देते हुए दिल्ली (Delhi) के सफदरजंग अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एम के सेन बताते हैं कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए अब तक जितने भी कदम उठाये गए हैं,.

उनका निश्चित ही फायदा हुआ है, पश्चिमी देशों की तुलना में हमारे यहां आंकड़े काफी कम हैं. जितना अनुमान लगाया गया था, उसकी तुलना में भारत (India) में काफी कम मामले अब तक आये हैं. यह पहले के दो लॉकडाउन की वजह से ही हुआ है. लॉकडाउन 3.0 में तो और भी ज्यादा संयम बरतने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें: लॉकडाउन: पूर्वी दिल्ली में शराब की सभी दुकानों को पुलिस ने करवाया बंद करवाया, सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो रहा था पालन

लॉकडाउन से देश को हुआ फायदा

डॉ. सेन का कहना है कि लॉकडाउन लगाने से पहले भारत में वायरस में स्थिति और संक्रमण को लेकर जो भविष्यवाणी की गई थी, लॉकडाउन लगने से काफी फायदा पहुंचा है. हमारे देश में संक्रमण के फैलने की रफ्तार कम हो गई. क्योंकि भारत की आबादी के लिहाज से यहां संक्रमण बढ़ने का आंकड़ा बहुत ज्यादा बताया गया था. अब जब लॉकडाउन से काफी फायदा हुआ है, देश में वायरस के खिलाफ तामाम तैयारी कर ली गई है, तो धीरे-धीरे जनजीवन भी धीरे-धीरे सामान्य करने की ओर सरकार आगे बढ़ रही है. कई जिले, जहां वायरस का एक भी मरीज नहीं है, वहां कुछ शर्तों के साथ छूट दी गई है, हांलाकि अभी सभी दिशा-निर्देश वैसे ही लागू रहेंगें. वायरस का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है.

छूट में बाहर जाने पर रखें विशेष सावधानी

जो लोग लॉकडाउन खुलने पर काम से या दुकान आदि खोलने के लिए बाहर जा रहे हैं उन्हें विशेष सावधानी रखनी है. क्योंकि ये परीक्षा की घड़ी है. जिसमें अनुशासन, संयम और सुरक्षा पर ध्यान रखना है. इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का प्रयोग, हैंड वाश आदि नियमित रूप से करना है. बाहर निकलें तो एक निश्चित सुरक्षित दूरी बना कर रखें. ऑफिस या कहीं बाहर जा रहे हैं तो टेबल, कुर्सी, दरवाजे की कुंडी आदि अगर टच करें तो तुरंत हाथ धुलें या सैनिटाइज करें. अगर इस बीच ज़रा भी सर्दी जुकाम या कुछ लक्षण नजर आएं तो घर पर रहें.

भारत में चल रहा दवा का ट्रायल

डॉ. सेन ने बताया कि कई देशों की तरह भारत भी वैक्सीन पर शोध कर रहा है. इसके साथ ही उन दवाओं का भी ट्रायल कर रहा है जो पहले से दूसरी बामारी में इस्‍तेमाल होती रही हैं. ये वो दवाएं हैं जो वायरस से संक्रमित मरीज को ठीक करने में मददगार साबित हो सकती हैं. ऐसी ही दवाई का प्रयोग पीजीआई चंडीगढ़, भोपाल और दिल्ली स्थित एम्स में ट्रीटमेंट के तौर पर हो रहा है. इसका नाम माइक्रो बैक्ट्रियम डब्‍ल्‍यू है. इसका प्रयोग पहले कुछ बीमारियों के लिए किया जा चुका है. अब इस दवा का प्रयोग कोरोना से गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज में किया जा रहा है. कुछ लोगों में इसका ट्रायल सफल हुआ है. हांलाकि यह दवा का ट्रायल है, वायरस की वैक्सीन का नहीं.

घर में एक भी स्मार्ट फोन है तो डाउनलोड करें आरोग्य सेतु ऐप

लॉकडाउन में भले ही ढील दी गई है, लेकिन स्थानीय लोगों को भी इसे गंभीरता से लेना होगा. अभी खतरा खत्म नहीं हुआ है और जो भी प्रशासन के दिशा-निर्देश हैं उसका पालन करें क्योंकि खुद के साथ ही परिवार और जिले को भी सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हमारी खुद की है. डॉ. सेन ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही आरोग्य सेतु ऐप को फोन में रखना जरूरी बताया है.

उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए सरकार प्रयास कर रही है कि कैसे फीचर फोन में इस ऐप का प्रयोग करें. हालांकि सरकार फोन करके भी लोगों को दिशा-निर्देशों के बारे में बता रही है. इसलिए भले ही स्मार्टफोन नहीं है, लेकिन अगर घर में किसी के भी पास है तो आरोग्य सेतु ऐप जरूर डाउनलोड करें. यह वायरस के संक्रमण से बचने में बहुत मददगार है. इससे वायरस से जुड़ी तमाम जानकारी भी मिलती रहती है.

Share Now

\