Land For Job Scam: लैंड फॉर जॉब मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से लालू परिवार को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (RJD Chief lalu Prasad Yadav) और उनके बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप यादव सभी आरोपियों को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है. वहीं अब इस मामले में अगली 25 अक्टूबर को रखी गई है.
वहीं मामले में तेजस्वी यादव ने कहा कि वे राजनीतिक साजिश करते रहते हैं. वे एजेंसियों का दुरुपयोग करते हैं. इस मामले में कुछ भी ठोस सबूत नहीं हैं. इसलिए हमारी जीत निश्चित है. हालांकि मामले में उनके बड़े भाई तेज प्रताप से भी मीडिया इस मामले में बात करना चाहा. लेकिन उन्होंने मीडिया से बात ना करके बाद में बात करने की बात कहीं. यह भी पढ़े: Land for Job Scam Cases: जमीन के बदले नौकरी घोटाले में ED ने किया लालू-तेजस्वी के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल
लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार को बड़ी राहत:
#WATCH | Land for job money laundering case: Rouse Avenue Court in Delhi grants bail to RJD leaders Lalu Prasad Yadav, Tej Pratap Yadav & Tejashwi Yadav on a bail bond of Rs. 1 lakh each. Next hearing on October 25.
Tejashwi Yadav says, "They keep indulging in political… pic.twitter.com/B2xZFfgR5B
— ANI (@ANI) October 7, 2024
लालू परिवार को बड़ी राहत:
#WATCH | Rouse Avenue Court in Delhi grants bail to RJD leaders Lalu Prasad Yadav, Tej Pratap Yadav & Tejashwi Yadav on a bail bond of Rs. 1 lakh each. Next hearing on October 25.
In Delhi, RJD chief Lalu Prasad Yadav says, "I have faith in the judiciary and high court..." pic.twitter.com/kn8Xfs4jle
— ANI (@ANI) October 7, 2024
लालू के समर्थक खुश:
वहीं लालू यादव, तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव के कोर्ट में पेशी के दौरान उनके समर्थक लालू यादव के समर्थन में नारे लगाते दिखे. समर्थकों का कहना था कि हमें भगवान और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. न्यायालय से हमें न्याय मिलेगा.
जानें क्या है पूरा मामला:
बता दें कि घोटाला उस समय का है जब लालू यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच भारतीय रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी के पदों पर कई लोगों की नियुक्ति की गई और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीनें तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और उनकी संबंधित कंपनी एके इंफोसिस प्राइवेट लिमिटेड के नाम कर दीं.