एलएसी पर तनाव हुआ कम, लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स से पीछे हटे चीनी जवान- भारत रख रहा पैनी नजर
हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया गुरुवार को खत्म हुई. इसके साथ ही पेट्रोलिंग प्वाइंट-14, पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 और पेट्रोलिंग प्वाइंट-17 से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक चले गए है और सभी अस्थायी ढांचों को हटा दिया है.
नई दिल्ली: भारत और चीन के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब पेट्रोलिंग प्वाइंट-17 में टकराव वाले क्षेत्र से पीछे हट गए है. हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया गुरुवार को खत्म हुई. इसके साथ ही पेट्रोलिंग प्वाइंट-14, पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 और पेट्रोलिंग प्वाइंट-17 से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक चले गए है और सभी अस्थायी ढांचों को हटा दिया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, पीएलए के सैनिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 और 15 से पहले ही करीब 2 किलोमीटर पीछे हट गए हैं, जबकि हॉट स्प्रिंग्स में पीछे हटने की प्रक्रिया आज पूरी हुई. भारतीय सेना चीनी सैनिकों की वापसी पर भी पैनी नजर बनाये हुए है और क्षेत्र में कड़ी सतर्कता बरती जा रही है. कई दौर की बातचीत के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास टकराव वाले बिंदुओं से बलों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो सकी. पैंगोंग सो के फिंगर इलाकों से भी बलों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. चीन और भारत के सैनिकों ने एलएसी से पीछे हटने के लिए ‘‘प्रभावी कदम’’ उठाए हैं: चीन
पिछले कई हफ़्तों से दोनों देशों के सैनिक चार गतिरोध बिंदुओं पर आमने-सामने थे. इन चार गतिरोध बिंदुओं में पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर फोर, गालवान घाटी के पास पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और पेट्रोलिंग प्वाइंट 17-ए शामिल हैं. सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग झील में भारतीय पक्ष की ओर से महत्वपूर्ण विवाद फिंगर-4 में था.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच रविवार को इस मसले पर टेलीफोन पर करीब दो घंटे बातचीत हुई, जिसके बाद सोमवार सुबह से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई. डोभाल और वांग सीमा संबंधी वार्ताओं के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि है.
भारत और चीन के बीच स्थिति 15 जून को इतनी बिगड़ गई थी कि गलवान घाटी में दोनों ओर के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. झड़प में चीन के सैनिक भी मारे गए हालांकि चीन ने पीएलए जवानों के हताहत होने की जानकारी छुपाई है.