तिरुवनंतपुरम, 2 फरवरी : केरल विधानसभा में गुरुवार को कांग्रेस के एक विधायक द्वारा सत्तारूढ़ माकपा पर माफिया से संबंध होने का आरोप लगाने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्षी बेंच के बीच नाराजगी देखी गई. कांग्रेस विधायक डॉ. मैथ्यू कुझलनादन के आरोपों से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) भी नाराज हो गए. कुझालनादन एक घटना पर स्थगन प्रस्ताव के लिए अनुमति मांग रहे थे, जिसमें अलप्पुझा में एक सीपीआई (एम) पार्षद ए. शाहनवाज को उनकी अलप्पुझा जिला पार्टी इकाई द्वारा निलंबित कर दिया गया था, पिछले महीने प्रतिबंधित तंबाकू उत्पादों को ले जाने वाली उनकी लॉरी को हिरासत में ले लिया गया था.
खेप के साथ गिरफ्तार दो लोग पार्षद के करीबी निकले, जिन्होंने पहले तो दोनों को जानने से इंकार कर दिया. लेकिन बाद में शाहनवाज के जन्मदिन समारोह में उनकी तस्वीरों ने पार्टी को कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया. सीपीआई (एम) की युवा शाखा के आरोपी दो सदस्यों को पार्टी से बाहर कर दिया गया था, शक्तिशाली शाहनवाज को संस्कृति राज्य मंत्री साजी चेरियन के साथ निकटता के लिए केवल निलंबित कर दिया गया था, जो हाल तक अलप्पुझा जिला सचिव थे. यह भी पढ़ें : Tripura Assembly Election 2023: त्रिपुरा चुनाव में आदिवासी कल्याण और विकास जैसे मुद्दों पर ध्यान देगी भाजपा- मुख्यमंत्री साहा
विधानसभा में, कुझलनादन ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) और उसके शीर्ष नेता अवांछित गतिविधियों में लगे अपने कार्यकर्ताओं को शरण देते हैं और स्थिति बहुत गंभीर होती है, तब मंत्री भी अपने कैडर के समर्थन में आ जाते हैं. इस पर विजयन ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि कोई विधायक है, यह उन्हें सीपीआई (एम) जैसी पार्टी के बारे में हास्यास्पद बातें कहने का अधिकार नहीं देता है. उन्होंने कहा, इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. इस पर विपक्ष के नेता वी.डी.सतीसन उठे और कहा, उन्होंने ही कुजलनादन को इस घटना को विधानसभा में पेश करने के लिए अधिकृत किया था और उन्होंने केवल तथ्यों को बताया है.
हालांकि, राज्य के आबकारी मंत्री एमबी राजेश ने कुझालंदन द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि एक जांच जारी है और गलत काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन विपक्ष सिर्फ यह नहीं बता सकता कि आरोपी कौन है और उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती. राजेश ने कहा, समस्या यह है कि वर्तमान में विपक्ष राजनीतिक रूप से बाहर है और रचनात्मक रूप से काम करने में असमर्थ है और इसलिए यह गतिरोध है. स्पीकर द्वारा स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति नहीं दिए जाने पर पूरे विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया.