
बेंगलुरु, 31 मार्च : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेलगावी पोक्सो अदालत द्वारा रेप के आरोपी पिता के बरी करने के आदेश को रद्द कर दिया और उसे 50,000 रुपये के जुमार्ने के साथ 10 साल कैद की सजा सुनाई. हाईकोर्ट ने पीड़िता के प्रति निचली अदालत के पक्षपातपूर्ण रवैये की निंदा की है. जस्टिस एच.टी. नरेंद्र प्रसाद और राजेंद्र बादामीकर ने बुधवार को फैसला सुनाया. अभियोजन पक्ष ने विशेष पॉक्सो अदालत द्वारा आरोपी को बरी करने के आदेश पर सवाल उठाते हुए उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. पीठ ने पाया है कि पॉक्सो अदालत उस आघात पर विचार करने में विफल रही है जो नाबालिग लड़की को यौन उत्पीड़न के कारण हुआ है. कोर्ट ने आगे उल्लेख किया कि निचली अदालत ने मामले को पक्षपाती मानसिकता के साथ देखा है, जहां बेटी का पिता द्वारा रेप किया गया था.
पीठ ने कहा कि लड़की द्वारा अपने पिता के खिलाफ झूठे बयान देने का कोई कारण नहीं है. ऐसे मामलों में जहां पीड़ित के साक्ष्य विचारशील और विश्वसनीय हैं, अदालतों को समझदार होना चाहिए. निचली अदालत की कार्यवाही दागदार और अजीबोगरीब रही है जो स्वीकार्य नहीं है. कोर्ट ने आरोपी पिता की ओर से पेश वकील की याचिका पर विचार नहीं किया कि वह एक ऑटो चालक है और उसके परिवार के सदस्य आजीविका के लिए उस पर निर्भर हैं. कोर्ट ने कहा कि सजा कम करने का कोई कारण नहीं है. यह भी पढ़ें : राजस्थान को दहलाने की साजिश नाकाम! चित्तौड़गढ़ में कार से मिला 12 किलो विस्फोटक, 3 अरेस्ट, ATS की छापेमारी जारी
आरोपी पर आरोप है कि उसने 2015 में लगातार अपनी 14 वर्षीय बेटी का यौन शोषण किया और उसे नजरबंद कर रखा था. लड़की ने इस बारे में तब खुलासा किया जब वह अपने दादा-दादी के घर आई थी. उसने अपनी �+%E0%A4%AC%E0%A4%B0%E0%A5%80+%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A5%87+%E0%A4%95%E0%A5%87+%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%8F+%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%9F%E0%A4%95+%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%88%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F+%E0%A4%A8%E0%A5%87+%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%8B+%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F+%E0%A4%95%E0%A5%80+%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%BE+%E0%A4%95%E0%A5%80', 900, 500);" href="javascript:void(0);" title="Share on Facebook">