मध्यप्रदेश में पोषण आहार में घोटाले पर कमल नाथ ने सरकार पर बोला हमला

मध्यप्रदेश पोषण आहार में 110 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी का मामला सामने आया है. यह खुलासा महालेखाकार की रिपोर्ट में हुआ है. जो बात सामने आई है वह चौंकाने वाली है क्योंकि सैकड़ों टन खाद्यान्न जिन वाहनों से ढोया जाना बताया गया है वह नंबर मोटरसाइकिल सहित छोटे वाहनों के हैं.

MP Municipal Election Result (Photo: PTI)

भोपाल, 6 सितंबर : मध्यप्रदेश पोषण आहार में 110 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी का मामला सामने आया है. यह खुलासा महालेखाकार की रिपोर्ट में हुआ है. जो बात सामने आई है वह चौंकाने वाली है क्योंकि सैकड़ों टन खाद्यान्न जिन वाहनों से ढोया जाना बताया गया है वह नंबर मोटरसाइकिल सहित छोटे वाहनों के हैं. सूत्रों की मानें तो महालेखाकार की रिपोर्ट में सीधे तौर पर आरोप लगाया गया है कि स्कूल छोड़ने वाली किशोरी बालिकाओं, गर्भवती और धात्री माताओं के साथ तीन साल तक के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी से दिए जाने वाले टेक होम राशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है.

महालेखाकार की रिपोर्ट में इस बात का साफ तौर पर खुलासा किया गया है कि कई हजार टन पोषण आहार न तो गोदाम में मिला और न ही उसके परिवहन के प्रमाण सामने आएं हैं. जिन वाहनों से राशन के परिवहन को दर्शाया गया है और ट्रक के नंबर बताए गए हैं वह नंबर वास्तव में मोटरसाइकिल, टैंकर और कार के अलावा ऑटो के निकले.

महालेखाकार ने इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने के साथ दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने को भी कहा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक यह गड़बड़ी भोपाल, छिंदवाड़ा, धार, झाबुआ, रीवा, सागर, सतना और शिवपुरी में जांच की गई जिसमें यह बात सामने आई है. इन स्थानों के 49 आंगनबाड़ी केंद्रों की पड़ताल में लाभार्थियों की संख्या में भी अंतर पाया गया. इन केंद्रों में शाला त्यागने वाली किशोरियों की संख्या तीन थी तो पोर्टल पर यह संख्या हजारों में पाई गई.

इस मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा, मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार में हर योजना में, हर काम में भ्रष्टाचार व घोटाले होना आम बात है. अब शिवराज सरकार में पोषण आहार घोटाला सामने आया है. उन्होंने आगे कहा, महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत जो कि खुद मुख्यमंत्री के पास है, टेक होम राशन के नाम पर जमकर फजीर्वाडा किया गया है. अकाउंटेंट जनरल की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों व महिलाओं को दिये जाने वाले पोषण आहार में उत्पादन, परिवहन, वितरण के नाम पर जमकर खेल खेला गया. यह भी पढ़ें : दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में ईडी सभी आरोपियों को कर सकता है तलब

छोटे वाहनों से सैकड़ों टन खाद्यान्न ढोए जाने की बात पर तंज सकते हुए कमल नाथ ने कहा, करोड़ो का हजारों किलो वजनी पोषण आहार कागजों में ट्रक से आया और जो नंबर बताये गये थे वो ऑटो, कार व टैंकर के निकले. जो बच्चे स्कूल नहीं जाते थे, उनके नाम पर भी करोड़ों का राशन बांट कर फजीर्वाडा किया गया.

राज्य में कुपोषण की स्थिति का जिक्र करते हुए कमल नाथ ने कहा, एक तरफ तो मध्यप्रदेश वर्षों से कुपोषण में देश में अव्वल है और दूसरी तरफ पोषण आहार के नाम पर इस तरह का फजीर्वाडा. इस सरकार की सोच व नियत बता रही है कि किस प्रकार का खेल प्रदेश में खेला जा रहा है. इस घोटाले की विस्तृत उच्चस्तरीय जांच हो, दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो, जिम्मेदारी तय हो.

सरकार की ओर से गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने महालेखाकार की रिपोट पर कहा कि सीएजी की रिपोर्ट उसकी राय होती है, कोई भी रिपोर्ट अंतिम नहीं होती है, यह सब प्रक्रिया का हिस्सा होती है. इसके बाद रिपोर्ट पर राज्य सरकार स्कूट्रनी करती है. इसे अंतिम निर्णय कहना ठीक नहीं है.

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