Bombay High Court: तड़के 3.30 बजे सुनवाई.. छुट्टियों के दिन भी काम.. आज रिटायर हो गए न्यायमूर्ति कथावाला, कहा- मेरी तीर्थयात्रा समाप्त हुई
बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस जे कथावाला बुधवार को सेवानिवृत्त हो गए और इस मौके पर उन्होंने अपनी न्यायिक यात्रा को एक ''तीर्थ'' करार दिया. न्यायमूर्ति कथावालाने हाल में मध्यरात्रि तक सुनवायी की थी जबकि एक मौके पर उन्होंने तड़के तीन बजकर 30 मिनट तक सुनवायी की थी.
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस जे कथावाला (S J Kathawalla) बुधवार को सेवानिवृत्त हो गए और इस मौके पर उन्होंने अपनी न्यायिक यात्रा को एक ''तीर्थ'' करार दिया. न्यायमूर्ति कथावालाने हाल में मध्यरात्रि तक सुनवायी की थी जबकि एक मौके पर उन्होंने तड़के तीन बजकर 30 मिनट तक सुनवायी की थी. हड़ताल एमएसआरटीसी कर्मचारी काम पर लौटें, खुदकुशी समाधान नहीं है: बंबई उच्च न्यायालय
मुंबई में 'एडवोकेट एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया' (एएडब्ल्यूआई) द्वारा आयोजित विदायी समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति कठवल्ला ने कहा, ''मेरे लिये न्यायाधीश का पद कोई करियर बनाने का कदम या पेशेवर तौर पर ऊंचाई पर पहुंचने जैसा नहीं था. हालांकि, सच्चाई यह है कि यह एक तीर्थयात्रा थी जो आज समाप्त हो रही है.''
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति कथावाला को काम के प्रति समर्पित माना जाता है क्योंकि वह अदालत के अवकाश के दिनों में भी काम किया करते थे.
बता दें कि जस्टिस एस जे कथावाला एनसीबी के मुंबई निदेशक समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े और एनसीपी नेता व मंत्री नवाब मलिक मानहानि केस, महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल के बीच उपजे एमएलसी विवाद मामला, बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के कार्यालय को बीएमसी द्वारा ढहाए जाने का मामला आदि प्रमुख केसो की सुनवाई में शामिल थे.