J&K: टूटा बीजेपी-पीडीपी का गठबंधन, राज्यपाल शासन को मिली मंजूरी
बता दें अगर जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लग जाता है तो यह 2008 के बाद चौथा और 1977 के बाद आठवां मौका होगा.
जम्मू. जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी की तीन साल तक चली सरकार आखिरकार टूट गई. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को अपना इस्तीफा राज्यपाल एनएन वोहरा को सौंप दिया था. जिसके बाद अब आज राज्यपाल शासन को मंजूरी मिल गई है. समर्थन वापसी के बाद बीजेपी ने कहा था कि सूबे की सरकार उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी जिसके कारण पीडीपी का साथ छोड़ना पड़ा.
कश्मीर में BJP-PDP का गठबंधन टूटने का प्रमुख कारण घाटी में लगातार बढ़ता तनाव, पत्थरबाजी और सेना के जवान औरंगजेब और पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या माना जा रहा है. जिसके कारण लगातार बीजेपी को लोगों की आलोचना का शिकार होना पड़ता था. लगातार बढ़ते दबाव के कारण राम माधव ने जम्मू-कश्मीर के बड़े नेताओं से चर्चा कर अलग होने की खबर पर मुहर लगा दिया. बता दें अगर घाटी में राज्यपाल शासन लग जाता है तो यह 2008 के बाद चौथा और 1977 के बाद आठवां मौका होगा.
BJP-PDP का गठबंधन
गौरतलब हो कि घाटी में साल 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे जिसमें किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. जम्मू में बीजेपी को ज्यादा सीटें मिली थी तो वहीं कश्मीर के लोगों ने पीडीपी को समर्थन मिला था. पीडीपी को 87 में से 28 तो बीजेपी को 25 सीट हासिल हुई थी. दोनों ही पार्टियों ने गठबंधन कर सरकार बनाई और मुफ़्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे.