रांची, 26 जून : झारखंड हाईकोर्ट ने रांची में डैम एरिया के अतिक्रमण, प्रदूषण और जल स्रोतों के संरक्षण से जुड़े विषयों की जांच के लिए नगर विकास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यह कमेटी तीन हफ्ते में जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करे. रांची में जलाशयों की बदहाली को लेकर दायर जनहित याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई.
कोर्ट के आदेश पर पेयजल स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव एवं नगर विकास विभाग के सचिव सुनवाई के दौरान सशरीर मौजूद रहे. कोर्ट ने पेयजल स्वच्छता और नगर विकास विभाग की कार्यशैली पर मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि कांके डैम में नाली का पानी अभी भी गिर रहा है. यह भी पढ़ें : Maharashtra: महाराष्ट्र में मनुस्मृति का कोई स्थान नहीं है, उपमुख्यमंत्री अजित पवार का बड़ा बयान
प्रदूषण और अतिक्रमण से हरमू नदी अब नाले में बदल चुकी है. पेयजल आपूर्ति के लिए सिर्फ पाइपलाइन बिछाने से कुछ नहीं होगा. हिनू नदी, कांके डैम, हटिया डैम, गेतलसूद डैम से अतिक्रमण हटाना होगा. कोर्ट ने कहा कि डैम का कैचमेंट एरिया हर हाल में संरक्षित किया जाना चाहिए.
इसके पहले कोर्ट में हाजिर हुए पेयजल स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव एवं नगर विकास विभाग के सचिव ने बताया कि रांची शहर में जलापूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाई जा रही है. इसके जरिए वर्ष 2026 तक 2 लाख घरों को पानी का कनेक्शन देकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा.
गंदे पानी की सफाई के लिए वाटर और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रांची नगर निगम के प्रशासक को कहा कि मानसून की बारिश के दौरान सड़कों पर नालों का गंदा पानी आ जाता है. ऐसे में नाले की सफाई कर उसे दुरुस्त रखें ताकि गंदा पानी सड़कों पर ना आए.
सुनवाई के दौरान रांची शहर के मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच करने वाली कमेटी की ओर से कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट पेश की गई. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को निर्धारित की है.