जेट एयरवेज के कर्जदाता हिस्सेदारी बेचने को लेकर आश्वस्त, विफल होने पर वैकल्पिक योजना भी तैयार
जेट एयरवेज (Jet Airways) के कर्जदाता जहां अस्थाई रूप से बंद हुई एयरलाइन की हिस्सेदारी बेचने को लेकर आश्वस्त हैं, वहीं, उन्होंने वैकल्पिक योजना भी तैयार कर ली है, जिसमें कंपनी को ऋण वसूली ट्रिब्यूनल (Debt Recovery Tribunals) में खींचना भी शामिल है.
नई दिल्ली: जेट एयरवेज (Jet Airways) के कर्जदाता जहां अस्थाई रूप से बंद हुई एयरलाइन की हिस्सेदारी बेचने को लेकर आश्वस्त हैं, वहीं, उन्होंने वैकल्पिक योजना भी तैयार कर ली है, जिसमें कंपनी को ऋण वसूली ट्रिब्यूनल (Debt Recovery Tribunals) में खींचना भी शामिल है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. उद्योग के जानकार सूत्रों ने आईएएनएस को मुंबई में बताया कि हिस्सेदारी बेचने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं, डीआरटी पर आखिरी विकल्प के तौर पर विचार किया जा रहा है.
बैंकिंग उद्योग से जुड़े एक वरिष्ठ सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "डीआरटी ले जाना अभी भी आखिरी विकल्प है. यह वसूली की सामान्य प्रक्रिया है, अगर हिस्सेदारी बेचने के उपाय असफल हो जाते हैं." उन्होंने कहा, "कंपनी के पास 16 विमान और कुछ संपत्तियां हैं, जो पहले से ही गिरवी रखी हुई हैं."
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डीआरटी बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों को अपने ग्राहकों से कर्ज की वसूली करने में मदद करता है. डीआरटी के पास जाना आखिरी विकल्प है. पहले यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि कर्जदाता, एयरलाइन को एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में घसीटेंगे.
एयरलाइन के ऊपर कर्जदारों का 8,000 करोड़ रुपये बकाया है. वर्तमान में कर्जदाता हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के इच्छुक हैं. एक दूसरे सूत्र ने बताया, "हमारे पास कुछ गंभीर और इच्छुक बोलीदाता हैं. हमें 10 मई तक आखिरी बोली प्राप्त होने की उम्मीद है."