जम्मू-कश्मीर: महबूबा मु्फ्ती जमात-ए-इस्लामी पर बैन के खिलाफ उतरी सड़क पर, सरकार को दिया अल्टीमेटम

जेएल (जेएंडके) जमात -ए-इस्लामी हिंद के अंग के तौर पर 1945 में बना था और वह अपने मूल संगठन के साथ राजनीतिक विचारधारा में मतभेद को लेकर 1953 में उससे अलग हो गया. इस संगठन पर उसकी गतिविधियों को लेकर अतीत में दो बार प्रतिबंध लगाया गया. पहली बार 1975 में जम्मू कश्मीर सरकार ने दो साल के लिए और दूसरी बार अप्रैल 1990 में केंद्र सरकार ने तीन साल के लिए प्रतिबंध लगाया था

अनंतनाग में आंदोलन ( फोटो क्रेडिट- ANI )

जम्मू-कश्मीर के संगठन जमात-ए-इस्लामी पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. आरोप लगा है कि इस संगठन का संबंध आतंकी संगठनों के साथ रहा है. वहीं जमात-ए-इस्लामी पर बैन के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) और पीडीपी कार्यकर्ताओं ने खुलकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. वहीं आज महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी ने अनंतनाग ने विरोध प्रदर्शन करते हुए आंदोलन किया. उन्होंने कहा कि इस पर से बैन तुरंत हटना चाहिए.  हम अब जिलेवार जाकर प्रदर्शन करेंगे और फिर हर खंड में जाएंगे.

बता दें कि केंद्र सरकार ने ‘जमात-ए-इस्लामी’ संगठन पर 5 साल का प्रतिबंध लगाने के बाद कश्मीर में संगठन से जुड़ी कई सम्पत्तियों को सील कर दिया है. बता दें कि शुक्रवार को दक्षिणी कश्मीर के कई स्थानों पर छापे मारकर सुरक्षाबलों ने संगठन से जुड़े दो दर्जन से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. महबूबा मुफ्ती ने इससे पहले ट्वीट किया था, ‘लोकतंत्र विचारों का संघर्ष होता है, ऐसे में जमात-ए-इस्लामी पर पाबंदी लगाने की दमनात्मक कार्रवाई निंदनीय है और यह जम्मू कश्मीर के राजनीतिक मुद्दे से अक्खड़ और धौंस से निपटने की भारत सरकार की पहल का एक अन्य उदाहरण है.

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जेएल (जेएंडके) जमात -ए-इस्लामी हिंद के अंग के तौर पर 1945 में बना था और वह अपने मूल संगठन के साथ राजनीतिक विचारधारा में मतभेद को लेकर 1953 में उससे अलग हो गया. इस संगठन पर उसकी गतिविधियों को लेकर अतीत में दो बार प्रतिबंध लगाया गया. पहली बार 1975 में जम्मू कश्मीर सरकार ने दो साल के लिए और दूसरी बार अप्रैल 1990 में केंद्र सरकार ने तीन साल के लिए प्रतिबंध लगाया था. दूसरी बार प्रतिबंध लगने के समय मुफ्ती मोहम्मद सईद केंद्रीय गृह मंत्री थे.

गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद गृह मंत्रालय की ओर से गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत इस संगठन को प्रतिबंधित करने के संबध में अधिसूचना जारी की गयी थी.

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