नई दिल्ली: आरबीआई के 12 फरवरी के सर्कुलर को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को रद्द किए जाने के बाद बिजली कंपनियों को काफी लाभ होगा. यह बात इंडिपेंडेंट पॉवर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IPPAI) ने कही है. आईपीपीएआई के महानिदेशक हैरी धौल ने आईएएनएस से कहा, "निश्चित रूप से इससे विद्युत कंपनियों को मदद मिलेगी, क्योंकि इससे एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण) के पास भेजी जा रहीं परियोजनाओं के दबाव से मुक्ति मिलेगी. आशा है कि सरकार ओर नीति नियामक आज की राहत के साथ समाधान निकालने के लिए विद्युत क्षेत्र की तरफ दोबारा ध्यान देंगे."
उन्होंने कहा, "ईंधन आपूर्ति समझौते के बगैर किसी समयबद्ध समाधान (12 फरवरी के सर्कुलर जैसे) का कोई मतलब नहीं है. अब कंपनियां ईंधन और विद्युत आपूर्ति समझौते के साथ फंसी परियोजनाओं की समीक्षा के लिए आगे बढ़ सकती हैं."
सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई के 12 फरवरी के उस सर्कुलर को रद्द कर दिया, जो बुरे ऋण के समाधान से संबंधित था. न्यायालय ने इसे असंवैधानिक और अवैध करार दिया. एस्सार पॉवर, जीएमआर इनर्जी, केएसके इनर्जी, और रतन इंडिया पॉवर के साथ ही एसोसिएशन ऑफ पॉवर प्रोड्यूसर्स एपीपी और आईपीपीएआई ने अगस्त 2018 में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती दी थी.