रेलवें ने इस वजह से वापस लिया यात्रियों से 6 गुना ज्यादा जुर्माना वसूलने वाला फैसला
रेल प्रशासन ने यात्रियों को बड़ी राहत देते हुए सात दिन पहले लिए गए एक कड़े फैसलें को वापस ले लिया है. दरअसल, रेलवे ने निर्धारित सीमा से अधिक सामान बिना बुक कराए ले जाने पर यात्रियों से छह गुना अधिक जुर्माना वसूलने का फैसला किया था.
नई दिल्ली: रेल प्रशासन ने यात्रियों को बड़ी राहत देते हुए सात दिन पहले लिए गए एक कड़े फैसलें को वापस ले लिया है. दरअसल, रेलवे ने निर्धारित सीमा से अधिक सामान बिना बुक कराए ले जाने पर यात्रियों से छह गुना अधिक जुर्माना वसूलने का फैसला किया था. लेकिन यह बहुत कम यात्रियों को रास आ रहा था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे के इस सख्त फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इसकी तीखी आलोचना की. जिसके बाद दबाव में आकर रेलवे ने अपने फैसले को वापस ले लिया. इसके लिए रेलवे ने ज्यादा सामान की जांच के लिए 01 जून से छह दिवसीय अभियान शुरू किया था.
अमूमन देखा गया है कि यात्री गर्मियों की छुट्टियों के समय अधिक सामान लेकर सफर करते हैं, जिसकी वजह से डिब्बे के अंदर गैलरी तक ब्लॉक हो जाती है. इसलिए बाकी यात्रियों को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश बाजपेयी ने कहा कि इसका मकसद लोगों को इस बात के लिए केवल जागरूक करना था कि कैसे अधिक सामान के साथ यात्रा करने से अन्य यात्रियों को असुविधा होती है.
भारतीय रेलवें के तीन दशक पुराने नियम के मुताबिक, यात्रियों को एसी फर्स्ट में 70 किलोग्राम, एसी टू- 50 किलोग्राम, एसी थ्री-40 किलोग्राम, स्लीपर-40 किलोग्राम, जनरल-35 किलोग्राम सामान साथ लें जाने की छुट दी गई है.
अगर कोई यात्री इससे ज्यादा सामान साथ ले जाना चाहता है तो उसे बुक कराकर ले जाया जा सकता है. यात्रा के दौरान या गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने के बाद अगर किसी यात्री के पास तय सीमा से अधिक सामान होता है तो रेल प्रशासन यात्री से अतिरिक्त सामान पर पार्सल चार्ज या न्यूनतम 50 रुपये बतौर जुर्माना वसूलते है.