लोकसभा चुनाव 2019: पोस्टल बैलट के जरिए बिना मतदान केंद्र गए आप भी डाल सकते है वोट

वोट डालना देश के हर नागरिक का राष्ट्रधर्म होता है. यही वो तरीका है जिसके माध्यम से एक आम नागरिक भी सरकार गठन में सहभागी बन जाता है. मौजूदा समय में देश में लोकसभा चुनाव के चलते राजनीतिक हवा पूरे उफान पर बह रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: PTI)

नई दिल्ली: वोट डालना देश के हर नागरिक का राष्ट्रधर्म होता है. यही वो तरीका है जिसके माध्यम से एक आम नागरिक भी सरकार गठन में सहभागी बन जाता है. मौजूदा समय में देश में लोकसभा चुनाव के चलते राजनीतिक हवा पूरे उफान पर बह रही है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) की तारीखों के ऐलान से ही तमाम नेता देशभर में तूफानी दौरा कर रहे हैं. चुनाव आयोग इस बार कुल सात चरणों में आम चुनाव करावा रहा है, जिसका पहला चरण 11 अप्रैल को संपन्न हुआ और अंतिम चरण 19 मई को होगा. जबकि सभी के परिणाम यानि वोटों की गिनती 23 मई को होगी.

चुनाव आयोग के मुताबिक अबकी बार लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या 90 करोड़ के पार होगी. इसके अलावा 1.50 करोड़ मतदाता ऐसे होंगे जिनकी उम्र 18-19 साल के बीच होगी. इस चुनावी सरगर्मी के बीच हम आपको पोस्टल बैलेट (Postal Ballot) से जुड़ी पूरी जानकारी देना चाहते है. हालांकि यह सुविधा देश के हर नागरिक के लिए नहीं है. बल्कि कुछ परिस्थितियों में ही पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल किया जा सकता है. सामान्य तौर पर मतदाताओं को मतदान केंद्र पर जाकर वोट करना जरुरी है.

पोस्टल बैलेट की शुरुआत-

भारत सरकार ने 21 अक्टूबर 2016 को अधिसूचना जारी कर चुनाव नियमावली, 1961 के नियम 23 में संशोधन करते हुए सशस्त्र बलों के कर्मियों सहित सेवा क्षेत्र में काम करने वाले मतदाताओं को ई-डाक (पोस्टल बैलेट) के जरिए मतदान करने की सुविधा प्रदान की है. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और उनकी पत्नी कुन्दा नाईक ने पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल किया.

ऐसे होती है वोटिंग-

इस प्रणाली के तहत उनको एक खाली डाक मतपत्र इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भेजा जाता है. यह एक ऑनलाइन डिजिटलाइज्ड बैलेट पेपर होता है. इस तरीके से डाक सेवा द्वारा मतपत्र भेजने और फिर मंगाने की प्रक्रिया में लगने वाले समय में काफी बचत होती है. दूर और सीमावर्ती क्षेत्रों में कार्यरत खासकर सशस्त्र बलों के कर्मियों को काफी फायदा होता है. हालांकि अगर वोटर ऐसी जगह है जहां इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मतपत्र नहीं भेजा जा सकता है तो वहां डाक सेवा से ही मतपत्र भेजा जाता है.

चुनाव आयोग की तकनीकी टीम ने केंद्र सरकार की अपील के बाद यह प्रणाली विकसित की जिसमें खाली डाक मतपत्र इलेक्ट्रॉनिक रूप से अर्थात ई-डाक मतपत्र मतदाता को भेजा जाता है. मतदाता जो पोस्टल मतपत्र के योग्य हैं डाक मतपत्र को डाउनलोड कर प्रिंट निकाल सकते हैं. वर्तमान के पोस्टल मतदान प्रणाली में डाक मतपत्र में अपना वोट दर्ज करने के बाद फिर डाक के जरिए ही उसे संबंधित निर्वाचन अधिकारी को भेजा जाता है.

ये डाल सकते है पोस्टल बैलेट से वोट-

साल 2016 में जारी अधिसूचना के मुताबिक प्रारंभिक तौर पर (अ) भारत सरकार के सशस्त्र बलों के कर्मियों (ब) सेना अधिनियम, 1950 के प्रावधानों तहत आने वाले अन्य बलों के कर्मी (स) राज्य के बाहर काम कर रहे राज्यों के सशस्त्र बलों के कर्मी और (द) भारत से बाहर भारत सरकार के अधीन कार्यरत कर्मियों के लिए यह सेवा है.

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