छत से गिरने की वजह से वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याज्ञिक की हुई थी मौत
देश के प्रमुख समाचारपत्रों में से एक दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक का गुरुवार की रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. याग्निक 55 वर्ष के थे. उनका शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया.
इंदौर: देश के प्रमुख समाचारपत्रों में से एक दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक का गुरुवार की रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. याग्निक 55 वर्ष के थे. उनका शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सहित कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. मुखाग्नि उनके भाई नीरज याग्निक ने दी.
दैनिक भास्कर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि गुरुवार की रात को करीब साढ़े 10 बजे दफ्तर में काम के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा. याग्निक को बॉम्बे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनका तीन घंटे तक इलाज चला. स्थिति में सुधार हो पाता, इससे पहले ही उन्हें दूसरा दिल का दौरा पड़ गया. रात लगभग दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.
याग्निक की अंतिम यात्रा शुक्रवार को उनके साकेत नगर स्थित निवास से निकली. अंतिम संस्कार तिलक नगर स्थित मुक्तिधाम में हुआ, जहां उनके भाई नीरज ने मुखाग्नि दी.
याग्निक की पहचान एक प्रखर लेखक और पत्रकार के तौर पर रही है. 21 जून 1963 को जन्मे कल्पेश 1998 से दैनिक भास्कर समूह से जुड़े थे. देश और समाज में चल रहे संवेदनशील मुद्दों पर बेबाक और निष्पक्ष लेखन के लिए वे चर्चित रहे हैं. उनके परिवार में मां प्रतिभा याग्निक, पत्नी भारती, दो बेटियां और दो भाई हैं.
याग्निक की पहचान एक तल्ख लेखक और पत्रकार के तौर पर थी. उनका शनिवार को प्रकाशित होने वाला साप्ताहिक कॉलम 'असंभव के विरुद्ध' खासा चर्चित था.
याग्निक के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "बेबाक लेखन के पर्याय वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक को श्रद्धांजलि. राष्ट्रभक्ति के दृढ़ संकल्प से सिंचित प्रखर विचारों से आप हमारे हृदय में अमर रहेंगे. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को पीड़ा की इस घड़ी में संबल प्रदान करें."
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, "दैनिक भास्कर ग्रुप के समूह संपादक कल्पेश याज्ञनिक के दुखद निधन की खबर स्तब्ध करने वाली है. उनकी बेबाकी, निष्पक्षता से भरी खबरें हम सभी के लिए प्रेरणादायक होती थी. उनका निधन पत्रकारिता क्षेत्र की एक बड़ी क्षति है. विनम्र श्रद्धांजलि."
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "निर्भीक और विख्यात पत्रकार कल्पेश याग्निक का निधन पत्रकारिता के क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति है. अपनी लेखनी से समाज में अमिट छाप छोड़ने वाले कल्पेश जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि."
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिखा, "दैनिक भास्कर के ग्रुप एडिटर और जाने माने पत्रकार-लेखक कल्पेश याग्निक नहीं रहे. मेरे अच्छे परिचित थे और अच्छे पत्रकार थे. मेरी उनके प्रति श्रद्धांजलि. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार को यह शोक सहने की शक्ति प्रदान करे."
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने याग्निक के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "कल्पेशजी की अनुपस्थिति पत्रकारिता, राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में हमेशा में खलेगी. यह क्षति अपूरणीय है. मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि."