Gold Price And Rate: इजराइल-ईरान जंग से सोने की कीमतों में उछाल, क्या इस समय निवेश करना सही है?

इजरायल ईरान युद्ध के बीच सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, ऐसे में निवेशकों का सवाल है कि- क्या यह सोने में निवेश करने का सही समय है?

Gold Prices And Investment: हाल ही में सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, जिसका मुख्य कारण इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव हैं. सामान्य तौर पर, ऐसे तनाव के समय निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प मानते हैं, लेकिन हाल के रुझानों में सोने की कीमतें एक सीमित दायरे में ही रह रही हैं. अब निवेशकों के सामने सवाल है - क्या यह सोने में निवेश करने का सही समय है?

त्योहारी सीजन और कमजोर भारतीय रुपये का प्रभाव

हारीश वी, प्रमुख वस्त्र विशेषज्ञ, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज, का कहना है कि त्योहारी सीजन में आभूषणों की मांग में वृद्धि और कमजोर भारतीय रुपया भी घरेलू बाजार में सोने की कीमतों को समर्थन दे रहे हैं. इसके बावजूद, अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने सोने की कीमतों में बड़ी वृद्धि को सीमित कर दिया है.

अमेरिकी आर्थिक आंकड़े और फेडरल रिजर्व की नीतियां

निवेशक अब अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसलों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. एंजल वन लिमिटेड के शोध विशेषज्ञ, पृथमेश मल्ल्या का कहना है कि इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष के बढ़ने के बावजूद, फेडरल रिजर्व की दरों में कटौती की संभावनाएं कम हो गई हैं, जिससे अमेरिकी डॉलर मजबूत बना हुआ है.

सोने की कीमतों पर अमेरिकी डॉलर का प्रभाव

डॉ. रेनीषा चैनानी, रिसर्च प्रमुख, ऑगमोंट गोल्ड फॉर ऑल, ने बताया कि भू-राजनीतिक चिंताओं के कारण सोने की कीमतें $2650 (लगभग ₹75,400) के आसपास बनी हुई हैं. इजरायल और ईरान के बीच मिसाइल हमलों ने बाजार में अनिश्चितता पैदा की है, और निकट भविष्य में संघर्ष के थमने की संभावना नहीं दिख रही है.

निवेश से पहले सतर्क रहें

सोने की कीमतों पर सबसे बड़ा प्रभाव अमेरिकी डॉलर की मजबूती का है, क्योंकि फेडरल रिजर्व अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के हालिया टिप्पणियों और सकारात्मक नौकरियों के आंकड़ों ने डॉलर को समर्थन दिया है. ऐसे में निवेशकों को सोने में निवेश करते समय भू-राजनीतिक स्थिति और अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों पर नज़र रखनी चाहिए.

Share Now

\