7th Pay Commission: अब कठिन वक्त में पेंशन बनेगा सहारा, मोदी सरकार ने नियम बदलकर लाखों कर्मचारियों को दी बड़ी राहत

कोरोना काल में भी मोदी सरकार नियमों के सरलीकरण के लिए और विभेदकारी नियमों को खत्म करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत पहुंचाई जा सके. केंद्र सरकार के इस तरह के सभी निर्णयों का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के जीवन को आसान बनाना है.

रुपया (Photo Credits: PTI)

7TH CPC Latest News: कोरोना काल में भी मोदी सरकार नियमों के सरलीकरण के लिए और विभेदकारी नियमों को खत्म करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत पहुंचाई जा सके. केंद्र सरकार के इस तरह के सभी निर्णयों का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के जीवन को आसान बनाना है. इससे कर्मचारी लाभान्वित हो और काम में अपना सौ फीसदी दे सके. 7th Pay Commission: पेंशनर्स आसानी से उठा सकते है इस डोरस्टेप सर्विस का लाभ, यहां जानिए पूरा प्रॉसेस

सरकारी कर्मचारियों के हित में कार्मिक मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था जिसके अंतर्गत पेंशन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा शर्त में छूट दी थी, यदि कोई सरकारी कर्मचारी शरीर से या चिकित्सकीय अक्षमता के कारण सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत्त होता है तो. इस संदर्भ में सीसीएस (पेंशन) के नियम 38 में संशोधन कर आखिरी भुगतान के 50% पेंशन देने का नियम लागू किया गया, भले ही कर्मचारी 10 वर्ष की न्यूनतम आवश्यक सेवा शर्त को पूर्ण नहीं कर पाया हो.

उल्लेखनीय है कि नए साल के मौके पर बड़ा तोहफा देते हुए केंद्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए “दिव्यांगता क्षतिपूर्ति” योजना की शुरुआत की. इसके तहत यदि कोई कर्मचारी सेवा के दौरान दिव्यांगता का शिकार होता है और उसकी सेवाएं दिव्यांग होने के बाद भी बरकरार रखी जाती हैं तो उन्हें इसका लाभ दिया जाएगा. अन्य शब्दों में कहे तो यदि एक सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी के दौरान दिव्यांगता का शिकार होता है और यह दिव्यांगता उसकी सरकारी सेवा को प्रभावित करती है और उसकी सेवा बरकरार रखी जाती है तो उसे एकमुश्त राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी. जिसकी गणना समय-समय पर जारी की जाने वाली परिवर्तित सारणी के आधार पर होगी. इसका सबसे ज्यादा लाभ सुरक्षाबलों को होगा.

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