7th Pay Commission: नए साल से बढ़ सकती है लाखों सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, अब बस केंद्र के मुहर का इंतजार!
शानदार दिवाली बोनस के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) को जनवरी 2022 से अपने वेतन में बढ़ोतरी की सौगात मिल सकती है. कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि वित्त मंत्रालय 1 जनवरी, 2021 से 11.56 लाख से अधिक कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है.
7th CPC Latest News: 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत सैलरी पाने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. शानदार दिवाली बोनस के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) को जनवरी 2022 से अपने वेतन में बढ़ोतरी की सौगात मिल सकती है. कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि वित्त मंत्रालय 1 जनवरी, 2021 से 11.56 लाख से अधिक कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है. 7th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों का बढ़ेगा वेतन! दिवाली से पहले मिला एक और तोहफा
यह प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भी मंजूरी के लिए भेजा गया है. इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर्स एसोसिएशन (IRTSA) और नेशनल फेडरेशन ऑफ रेलवेमेन (NFIR) 1 जनवरी 2021 से हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance) लागू करने की मांग कर रहे हैं.
वित्त मंत्रालय ने अगर यह डिमांड मान लेता है तो लाखों केंद्रीय कर्मचारियों का एचआरए बढ़ जाएगा और साथ ही एरियर (Arrears) भी मिलेगा. एक अनुमान है कि सरकारी कर्मचारियों को यह लाभ 5400 रुपये से लेकर 8100 रुपये प्रति माह तक हो सकता हैं. सातवें वेतन आयोग के अनुसार, प्रत्येक लेवल के कर्मचारी का वेतन उनके डीए और एचआरए में वृद्धि के साथ बढ़ता है.
उल्लेखनीय है कि हाउस रेंट अलाउंस यानी एचआरए भी सैलरी का एक हिस्सा होता है, जो नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को उस शहर में रहने के लिए आवास लागत के तौर पर दिया जाता है. आम तौर पर, X श्रेणी शहरों में कार्यरत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अधिकतम उनके मूल वेतन का 24 प्रतिशत हाउस रेंट अलाउंस दिया जाता है. जबकि Z श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 8 प्रतिशत तक बतौर एचआरए मिलता है, और Y श्रेणी के शहरों में तैनात सरकार के कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 16 प्रतिशत एचआरए के रूप में मिलता है.
आपको बता दें कि 5 लाख तक की आबादी वाला शहर Z श्रेणी में आता है, जबकि 5 लाख से ऊपर और 50 लाख से कम आबादी वाला शहर Y श्रेणी में आता है. जबकि 50 लाख से अधिक आबादी वाला शहर X श्रेणी में शामिल होता है.