जिनेवा: पाकिस्तान (Pakistan) कश्मीर (Kashmir) मसले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. लेकिन उसे हर बार नाकामी ही हाथ लग रही है. मंगलवार को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के समक्ष कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा उठाया. जिसके बाद पाकिस्तान के आरोपों का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया. कश्मीर को लेकर झूठ फैलाने के लिए पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई.
विदेश मंत्रालय की सचिव विजय ठाकुर सिंह (Vijay Thakur Singh) ने कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि पाकिस्तान झूठ की रनिंग कमेंट्री कर रहा है. पाकिस्तान को कश्मीर को लेकर झूठ फैलाना बंद करना चाहिए. जम्मू और कश्मीर पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है.
यूएनएचआरसी (UNHRC) में पाकिस्तान के आरोपों का जवाब देते हुए सिंह ने कहा कि कश्मीर के हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. वहां धीरे-धीरे पाबंदियां हटाई जा रही है. पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा कि सीमापार से कश्मीर में आतंकी हमलों का खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा दुनिया जानती है कि यह बातें ऐसे आतंक के केंद्र से आ रही हैं जो लंबे समय से आतंकियों का पनाहगाह रहा है.
#WATCH live from Geneva: Secretary (East) MEA, Vijay Thakur Singh makes a statement on Jammu & Kashmir at the UNHRC. https://t.co/A4jxnz9BhT
— ANI (@ANI) September 10, 2019
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इससे पहले यूएनएचआरसी में पाकिस्तान ने कश्मीर को लेकर 115 पेज का झूठा चिठ्ठा पेश किया है. यूएनएचआरसी के 42 वें सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा भारत अपने आप को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताता है जबकि वह कश्मीरी बहुसंख्यकों को अल्पसंख्यक बनाना चाहता है. उन्होंने कहा कि वहां दवाओं की भारी कमी है. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह कश्मीर मसले को हल कराने के लिए दखल दे.
पिछले महीने भारत ने जम्मू कश्मीर से जुड़े आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और इसे दो केंद्रशासित प्रदेश में बांट दिया था. भारत के इस कदम पर पाकिस्तान की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आयी और प्रधानमंत्री इमरान खान ने लगातार भारत विरोधी बयानबाजी की. हालांकि भारत ने कश्मीर को अभिन्न हिंसा बताते हुए पाकिस्तान के बयानों को ‘गैरजिम्मेदाराना’ बताया.