India-Russia Relations: भारत और रूस की सेनाएं ‘इंद्र-2021’ सैन्य अभ्यास में होंगी शामिल

सामरिक द्विपक्षीय ‘इंद्र-2021’ अभ्यास की श्रृंखला 2003 में शुरू हुई थी और पहला संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास 2017 में आयोजित किया गया था. भारत और रूस के बीच पिछला संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास 10-19 दिसम्बर 2019 को भारत में हुआ था. यह उत्तर प्रदेश के बबीना (झांसी के पास) में, पुणे और गोवा में एक साथ आयोजित किया गया था.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits:: Twitter/@indiannavy)

नई दिल्ली:  भारत (India) और रूस (Russia) की सेनाएं 1-15 अगस्त तक सामरिक द्विपक्षीय ‘इंद्र-2021’ (Indra 2021) अभ्यास करेंगे. इस युद्ध अभ्यास में भारत की तीनों सेनाओं के लगभग 250 सैन्यकर्मी शामिल होंगे. यह सैन्य अभ्यास दक्षिणी रूस (Southern Russia) के वोल्गोग्राड (Volgograd) क्षेत्र में प्रुडबोई अभ्यास रेंज (Prudboi Exercise Range) में आयोजित किया जाएगा. भारत और रूस के बीच त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच बंधन को और मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है. इसके बाद एक महीने के भीतर एक और अभ्यास होगा, जिसमें भारतीय और पाकिस्तानी सेनाएं (Pakistan Army) संयुक्त रूप से भाग लेंगी. Indo-Russia Relations: रूसी राजदूत ने भारत के बारे में जो कहा उससे इमरान खान के तन-बदन में आग लग जाएगी, चीन को भी नही आएगा रास

250 सैनिक ‘इंद्र’ अभ्यास में होंगे शामिल

अभ्यास ‘इंद्र’ में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सेना के जवानों ने पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज के रेगिस्तानी इलाकों में तैयारी शुरू कर दी है. कोणार्क कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीएस मिन्हास तैयारियों का जायजा लेने के लिए पिछले दो दिनों से जैसलमेर के विभिन्न इलाकों का दौरा कर रहे हैं. शनिवार को उन्होंने रेगिस्तानी इलाके का दौरा करके अभ्यास की तैयारी कर रहे जवानों का मनोबल बढ़ाया. अभ्यास के लिए रूस जाने वाले लगभग 250 सैनिक जैसलमेर सैन्य स्टेशन पर प्रशिक्षण गतिविधियों में शामिल हैं.

क्या है सामरिक द्विपक्षीय इंद्र अभ्यास?

सामरिक द्विपक्षीय ‘इंद्र-2021’ अभ्यास की श्रृंखला 2003 में शुरू हुई थी और पहला संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास 2017 में आयोजित किया गया था. भारत और रूस के बीच पिछला संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास 10-19 दिसम्बर 2019 को भारत में हुआ था. यह उत्तर प्रदेश के बबीना (झांसी के पास) में, पुणे और गोवा में एक साथ आयोजित किया गया था. भारत-रूस की सेनाओं के बीच अभ्यासों का उद्देश्य आपसी विश्वास, अंतर-क्षमता को और मजबूत करना, दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाना है. साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र की नीतियों के तहत आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए संयुक्त रूप से विकसित करना भी है.

दोनों देशों की सेनाओं के बीच मजबूत होंगे संबंध

इस अभ्यास का फैसला रूस और भारत के सैन्य प्रतिनिधियों के एक सम्मेलन में किया गया था. यह अभ्यास भारत और रूस की दोस्ती के लंबे समय से चले आ रहे बंधन को प्रदर्शित करने के साथ ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों को मजबूत करता है. वोल्गोग्राड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय रूसी-भारतीय सामरिक अभ्यास इंद्र-2021 की योजना और तैयारी को दोनों पक्षों के बीच 25 मई को एक बैठक के बाद अंतिम रूप दिया गया था. दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों ने अभ्यास की तारीखों, योजना और परिदृश्य, बलों और साधनों की संरचना, राज्य की सीमा पार करने की प्रक्रिया और रसद के संगठन को मंजूरी दी.

रूस में एक और अभ्यास में भारत होगा शामिल

वहीं इंद्र-2021 अभ्यास के बाद एक महीने के भीतर रूस एक और अभ्यास की मेजबानी करेगा जिसमें भारत, पाकिस्तान, रूस, आर्मेनिया, अल्जीरिया और कजाकिस्तान भाग लेंगे. इस अभ्यास का अंतिम विवरण अभी सामने नहीं आया है.

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