चीन के नहले पर भारत का दहला, सीमा पर बनाईं 1530 किमी से लंबी सड़कें, ड्रैगन आग-बबूला
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने चीन सीमा पर 1530 किलोमीटर लंबाई से अधिक सड़कों का निर्माण किया है. यह बॉर्डर के साथ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़कों की कुल लंबाई 3323 किलोमीटर से अधिक है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा पर अभी भी 19 सड़कें निर्माणाधीन हैं जिन्हें 2023 तक पूरा किया जाना है.
देश की अलग-अलग सीमाओं तक विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए सड़कों का निर्माण का काम जारी है. इस बारे में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने कहा कि भारत ने चीन सीमा पर 1530 किलोमीटर लंबाई से अधिक सड़कों का निर्माण किया है. यह बॉर्डर के साथ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़कों की कुल लंबाई 3323 किलोमीटर से अधिक है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा (India-China border) पर अभी भी 19 सड़कें निर्माणाधीन हैं जिन्हें 2023 तक पूरा किया जाना है.
19 सड़कें निर्माणाधीन, 2023 तक इन्हें किया जाएगा पूरा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में जानकारी देते हुए बताया कि अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम में चीन सीमा पर बन रहीं 19 सड़कों का निर्माण जल्द पूरा कराने के लिए कई पहल की गई हैं. भारत-चीन सीमा सड़कें (इंडिया-चाइना बॉर्डर रोड-आईसीबीआर) परियोजना का उद्देश्य 'रणनीतिक सड़कों' का निर्माण करके चीन-भारतीय सीमा के साथ बुनियादी ढांचे का विकास करना है. चीन सीमा पर सड़कों के निर्माण के लिए कई संस्थाएं जिम्मेदार हैं, जिनमें सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) आईसीबीआर परियोजना की सड़कों का निर्माण कार्य संभालता है.
सीपीडब्ल्यूडी, एनपीसीसी और बीआरओ के सहयोग से बन रही सड़कें