युद्धाभ्यास ‘हैंड-इन-हैंड 2019’ में भारतीय और चीनी सैनिक दिखाएंगे दमखम, आतंक के खात्मे की करेंगे तैयारी

भारत और चीन की सेनाओं के बीच सैन्य कूटनीति और संपर्क के हिस्से के तौर पर हर साल होने वाला युद्धाभ्यास हैंड-इन-हैंड दिसंबर महीने में होगा. इसमें दोनों देशों की सेनाओं के लगभग 120 सैनिक शामिल होंगे.

भारतीय और चीनी सैनिक (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: भारत और चीन (China) की सेनाओं के बीच सैन्य कूटनीति (Military Diplomacy) और संपर्क के हिस्से के तौर पर हर साल होने वाला युद्धाभ्यास हैंड-इन-हैंड दिसंबर महीने में होगा. इसमें दोनों देशों की सेनाओं के लगभग 120 सैनिक शामिल होंगे. इस संयुक्‍त अभ्‍यास का उद्देश्‍य आतंकवाद (Terrorism) के माहौल की पृष्‍ठ भूमि में दोनों देशों की सेनाओं को एक दूसरे की कार्य संचालन प्रक्रिया से अवगत कराना है.

दो सप्ताह का अभ्यास आतंकवाद विरोधी अभियानों और मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों पर केंद्रित होगा. साथ ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच निकटतापूर्ण संबंध बनाना और उसे बढ़ावा देना इस युद्धाभ्यास का लक्ष्य है. इससे दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास से उनकी क्षमता भी बढ़ती है.

पिछले साल यह संयुक्त युद्धाभ्यास चीन के चंगतू में 10 से 23 दिसंबर तक आयोजित किया गया था. भारतीय सेना के 11 सिखली से भारतीय पक्ष की सैन्य टुकड़ियों का चयन किया गया था, जबकि तिब्बती सैन्य जिले की एक यूनिट से सैन्य टुकड़ियां इसमें शामिल हुई. दोनों सेनाओं की टुकडि़यों ने अभ्‍यास के हिस्‍से के रूप में घर के भीतर कार्रवाई करने और बंधकों के बचाव सहित विशेष संयुक्‍त आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन किये.

युद्धाभ्यास हैंड-इन-हैंड सामरिक स्तर के सांय ऑपरेशन हैं जो दोनों सेनाओं के बीच घनिष्ठ संबंध बनाते हैं. यह पहली बार 2007 में चीन के कुनमिंग में आयोजित किया गया था. बता दें कि भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद के चलते साल 2017 में यह सैन्य अभ्यास रद्द किया गया था.

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