मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 3 जून तक रिपोर्ट दाखिल करने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credit- IANS)

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को मुजफ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म-हत्या मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को मामले की जांच पूरी कर अदालत की अवकाश पीठ के समक्ष 3 जून को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए. मामले में सीबीआई के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय पहुंचीं निवेदिता झा ने आरोप लगाया कि एजेंसी गुनाहगारों को बचाने के लिए महत्वपूर्ण तथ्यों को नजरअंदाज कर रही है.

सुनवाई के दौरान झा के वकील ने आरोप लगाया कि सीबीआई जानबूझकर जांच की गति को धीमा कर रही है, मुकदमा शुरू हुए तीन महीने बीत गए लेकिन सीबीआई अभी भी मामले को स्पष्ट नहीं कर पाई है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा, "अदालत में सीबीआई के जवाब के परिप्रेक्ष्य में आप किस प्रकार का आदेश चाहते हैं?"

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सीबीआई के वकील ने कहा कि जांच के दौरान एजेंसी को पता चला है कि 11 लड़कियों की संभवत: हत्या कर दी गई है और 35 बच्चियों के समान नाम थे. एजेंसी ने बीते सप्ताह हलफनामे के जरिए शीर्ष अदालत को बताया था कि वह मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बारे में जांच कर रही है और उसने आश्रयगृह से बचाई गई एक बच्ची से मिली जानकारी के आधार पर कथित हत्याओं के बारे में प्रगति की है.

सीबीआई ने अपने हलफनामे में बताया, "जांच अधिकारी और निमहंस (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ ऐंड न्यूरो-साइंसेज) की टीम की ओर से रिकार्ड किए गए पीड़िताओं के बयान के अनुसार, आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों द्वारा कथित रूप से 11 लड़कियों की हत्या की बात सामने आई है."

सीबीआई ने कहा, "इन लड़कियों के शरीर के अवशेष और उनके लोकेशन को सत्यापित कर लिया गया है. स्थिति रिपोर्ट में शीर्ष अदालत को इसकी जानकारी दे दी गई है." एजेंसी ने अदालत से कहा, "एक आरोपी गुड्ड पटेल सीबीआई को दफनाने वाली जगह पर ले गया..जहां खुदाई के बाद हड्डियों के कई अवशेष मिले." यह बताते हुए कि जांच जारी है, एजेंसी ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि हत्या के आरोपों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सीबीआई ने कहा कि मामले में जल्द ही पूरक आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा.