Monsoon 2024 Update: प्रचंड गर्मी के बीच आई खुशखबरी, IMD ने मानसून को लेकर दिया बड़ा अपडेट
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नई दिल्ली: दक्षिण-पश्चिम मानसून ने रविवार को देश के दक्षिणी छोर निकोबार द्वीप पर दस्तक दे दी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी. मौसम कार्यालय ने कहा, ‘‘दक्षिण-पश्चिम मानसून रविवार को मालदीव के कुछ हिस्सों, कोमोरिन क्षेत्र और दक्षिण बंगाल की खाड़ी, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में पहुंच गया है.’’ Heatwave: आसमान से बरस रही आग, झुलसाती गर्मी और लू के थपेड़ों से ऐसे करें खुद की हिफाजत.

मानसून के 31 मई तक केरल पहुंच जाने की उम्मीद है. इससे पहले केरल और तमिलनाडु में प्री-मानसून गतिविधियां शुरू हो गई है. IMD ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

विशाखापत्तनम चक्रवात चेतावनी केंद्र के प्रबंध निदेशक सुनंदा का कहना है, "दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाएं उत्तरी अंडमान सागर और दक्षिण बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई हैं. स्थितियां अनुकूल हैं और यह श्रीलंका की ओर आगे बढ़ेगी और केरल पहुंचेगी. एक बार मानसून केरल पहुंचता है, एक सप्ताह या एक सप्ताह से दस दिनों के भीतर यह आंध्र प्रदेश तट और आंध्र प्रदेश राज्य तक पहुंच जाएगा."

उन्होंने बतया, 'आने वाले दो दिनों में, बंगाल की दक्षिण-पश्चिमी खाड़ी के ऊपर कम दबाव बनने की संभावना है और यह आगे है मध्य बंगाल की खाड़ी में तीव्र और अवदाब. पहले दिन इसका क्षण उत्तरी दिशा या उत्तर-पूर्वी दिशा में है और अवदाब बनने के बाद यह उत्तर-पूर्व दिशा में आगे बढ़ रहा है.'

भीषण गर्मी से मिलेगी राहत

देश का बड़ा हिस्सा भीषण गर्मी से जूझ रहा है और कई स्थानों पर अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. कई राज्यों में गर्मी का रिकॉर्ड टूट गया है और इसका स्वास्थ्य एवं आजीविका पर गंभीर असर पड़ रहा है. दक्षिणी भारत में अप्रैल में लू का प्रकोप देखा गया था.

भीषण गर्मी बिजली ग्रिड पर दबाव डाल रही है और जल निकाय सूख रहे हैं. इसके कारण देश के कुछ हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति पैदा हो रही है. ऐसे में मानसून के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान तेजी से विकास कर रहे दक्षिण एशियाई देश के लिए एक बड़ी राहत की खबर है.

भारत में मानसून की शुरुआत

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 150 साल में केरल में मानसून की शुरुआत की तारीख व्यापक रूप से अलग-अलग रही है. केरल में मानसून सबसे देरी से 1972 में 18 जून को और सबसे पहले 1918 में 11 मई को पहुंचा था. मानसून पिछले साल आठ जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को और 2020 में एक जून को दक्षिणी राज्य में पहुंचा था.

आईएमडी ने पिछले महीने ला नीना की अनुकूल स्थितियों के कारण सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया था. ला नीना की स्थितियां भारत में मानसून के दौरान अच्छी बारिश में मदद करती हैं.

(इनपुट भाषा)