Baba Siddique Murder Case: बाबा सिद्दीकी न मिलें तो बेटे जीशान को गोली मारने का था आर्डर... कत्ल के तुरंत बाद नहीं भागा था मुख्य आरोपी
पुलिस के मुताबिक, हत्या की जिम्मेदारी उसे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक अहम सदस्य, अनमोल बिश्नोई ने दी थी, और आर्डर था कि अगर बाबा सिद्दीकी नहीं मिले तो उनके बेटे जीशान को निशाना बनाया जाए.
मुंबई: बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में मुख्य आरोपी शिवकुमार गौतम ने मुंबई पुलिस और एसटीएफ की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. शिवकुमार ने बताया कि बाबा सिद्दीकी पर गोलियां चलाने के बाद वह डेढ़ घंटे तक घटनास्थल के आसपास ही घूमता रहा. पुलिस के मुताबिक, हत्या की जिम्मेदारी उसे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक अहम सदस्य, अनमोल बिश्नोई ने दी थी, और आर्डर था कि अगर बाबा सिद्दीकी नहीं मिले तो उनके बेटे जीशान को निशाना बनाया जाए.
Baba Siddique Murder Case: 19 नवंबर तक पुलिस कस्टडी में रहेंगे मुख्य शूटर शिवकुमार सहित पांच आरोपी.
शिवकुमार ने खुलासा किया कि हत्या के बाद उसने भीड़ में खुद को छुपाने के लिए अपनी टीशर्ट बदल ली और पिस्टल को फेंक दिया. उसने वारदात को अंजाम देने के बाद घटनास्थल पर ही बना रहा, जबकि उसके दो साथी मौके पर ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे. पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि शिवकुमार ने बाबा सिद्दीकी को तीन गोलियां मारी थी.
मुंबई पुलिस ने शिवकुमार समेत अन्य चार लोगों को इस हत्या में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इस वारदात में शामिल आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 19 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस इस मामले की बारीकी से जांच कर रही है, खासकर हथियारों के स्रोत और फाइनेंशियल लेन-देन का.
15 से 20 हजार रुपये मिले थे
हत्याकांड से पहले शिव कुमार और अन्य लोगों को 15 से 20 हजार रुपये मिले थे. शूटर्स को हत्याकांड के बाद सिर्फ इंस्टाग्राम पर ही संपर्क करने के निर्देश थे. फरारी के दौरान शिव कुमार ने अपने हैंडलर्स और गैंग के अन्य लोगों से इंस्टाग्राम के जरिए ही संपर्क किया.
बाबा सिद्दीकी की हत्या का पूरा घटनाक्रम
12 अक्टूबर को जब लोग दशहरे के अवसर पर पटाखे फोड़ रहे थे, उसी समय तीन हमलावर भीड़ में घुल-मिल कर सिद्दीकी के बेटे के दफ्तर के पास पहुंचे. भीड़ का फायदा उठाते हुए उन्होंने बाबा सिद्दीकी के निजी सुरक्षा अधिकारी को निष्क्रिय किया और बेहद करीब से गोलियां चला दीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस हत्याकांड के लिए आरोपियों ने हथियार कहां से हासिल किए और किस तरह की आर्थिक लेन-देन इसमें शामिल थी.