Chandrayaan-3: मैं चंद्रयान-2 की लैंडिंग के दिन और कल की तुलना कर रहा था... चंद्रयान-3 की सफलता पर बोले ISRO के पूर्व अध्यक्ष के सिवन | VIDEO
इसरो के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'मैंने चंद्रयान-2 की लैंडिंग के दिन और कल की तुलना की. तो निश्चित रूप से चंद्रमा पर जाने और दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने का मेरा सपना कल सच हो गया इसलिए मुझे बेहद खुशी है कि कल ये सॉफ्ट लैंडिंग सफलतापूर्वक हो गई.'
Chandrayaan-3 मिशन के जरिए भारत ने एतिहासिक उपलब्धी हासिल की है. ISRO के चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल सफलता पूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया. चंद्रयान-3 की चांद पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान मिशन में जुट गए हैं. चंद्रयान-3 की सफलता पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष के सिवन (K Sivan) ने कहा, मेरा सपना सच हो गया है इसलिए मुझे बेहद खुशी है. उन्होंने कहा, 'आखिरकार हमारी प्रार्थनाएं सच हुईं. लैंडिंग के बाद हम वापस नहीं आए, रोवर लैंडर से बाहर आने तक मैं कंट्रोल रूम में ही बैठा रहा. रोवर लैंडर से बाहर आया और चंद्रमा की सतह पर चला गया, इसे देखने के बाद ही मैं देर रात अपने घर वापस आया.' चंद्रयान-3: अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा, सुनीता विलियम्स ने चंद्रयान-3 मिशन, इसरो की सराहना की.
इसरो के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'मैंने चंद्रयान-2 की लैंडिंग के दिन और कल की तुलना की. तो निश्चित रूप से चंद्रमा पर जाने और दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने का मेरा सपना कल सच हो गया इसलिए मुझे बेहद खुशी है कि कल ये सॉफ्ट लैंडिंग सफलतापूर्वक हो गई.'
मेरा सपना साकार हुआ
के सिवन ने कहा, ''चंद्रयान-2 में हुई एक छोटी सी त्रुटि के कारण हम (सफलता) हासिल नहीं कर सके. अन्यथा, हम ये सभी चीजें चार साल पहले ही हासिल कर सकते थे. अब, हम बहुत हैं खुशी है कि हमने गलती से सीखा और उसे सुधारा… 2019 में ही हमने चंद्रयान-3 को कॉन्फिगर किया और क्या सुधार करना है ये भी 2019 में ही तय हो गया… कल उस प्रयास का फल हमने देखा… "
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश
भारत का चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6 बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा. इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बन गया. इससे कुछ दिन पहले रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर दुर्घटना का शिकार हो गया था. भारत ने दूसरे प्रयास में चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफलता प्राप्त कर ली.
यह एक ऐसी सफलता है जिसे न केवल इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक, बल्कि भारत का हर आम और खास आदमी टीवी की स्क्रीन पर टकटकी बांधे देख रहा था. इससे पहले चंद्रमा की सतह पर पूर्ववर्ती सोवियत संघ, अमेरिका और चीन ही ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर पाए हैं.
भारत चांद पर है
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘हमने चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफलता हसिल कर ली है. भारत चांद पर है.’’ इसरो के अनुसार, चंद्रमा की सतह और आसपास के वातावरण का अध्ययन करने के लिए लैंडर और रोवर के पास एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के लगभग 14 दिन के बराबर) का समय होगा. हालांकि, वैज्ञानिकों ने दोनों के एक और चंद्र दिवस तक सक्रिय रहने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है.