Himanta Biswa Sarma on Priyank Kharge: हिमंत बिस्वा सरमा का प्रियांक खड़गे पर पलटवार, कहा- कांग्रेस ने असम के विकास का विरोध कर असली रंग दिखाया
Assam CM Himanta -ANI

नई दिल्ली, 27 सितंबर : असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उत्पादन में राज्य का 10 प्रतिशत योगदान होने के बावजूद भी समान अवसर नहीं दिया गया.

प्रियांक खड़गे ने यह तक कहा था कि सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयां उन प्रदेशों में हैं, जिनके पास पारिस्थितिकी तंत्र या कौशल नहीं है. उन्होंने यह भी कहा था कि 70 प्रतिशत चिप डिजाइनिंग टैलेंट कर्नाटक में है, इसके बावजूद गुजरात और असम में सेमीकंडक्टर यूनिट लगाना समझ में नहीं आता है.अब शुक्रवार को असम के सीएम हिमंत सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे पर पलटवार करते हुए जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने असम के विकास का विरोध कर अपना असली रंग दिखाया है. कांग्रेस के नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे इस विभाजनकारी सोच को निकालें और राज्य के विकास में भूमिका निभाएं. यह भी पढ़ें : मानहानि मामला : न्यायालय आतिशी, केजरीवाल की याचिका पर 30 सितंबर को सुनवाई करेगा

सीएम हिमंत सरमा ने एक्स पोस्ट में लिखा, ''एक बार फिर कांग्रेस ने असम के विकास का विरोध कर अपना असली रंग दिखाया है. कर्नाटक के एक मंत्री, जो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बेटे भी हैं, उनका दावा है कि असम को सेमीकंडक्टर उद्योग लगाने का कोई अधिकार नहीं है. मैं असम कांग्रेस के नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे इस विभाजनकारी सोच से निकलकर असम के विकास और प्रगति के लिए खड़े हों."

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने बीते दिनों गुजरात और असम में सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने को लेकर आपत्ति जताई थी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, "पांच सेमीकंडक्टर उत्पादन इकाइयों, जिनमें से चार गुजरात में और एक असम में है, लेकिन उनके पास वहां इकोसिस्टम नहीं है. उनके पास अनुसंधान का पारिस्थितिकी तंत्र नहीं है. उनके पास इनोवेशन की व्यवस्था नहीं है.'' उन्होंने आगे लिखा था, ''जब 70 फीसदी चिप डिजाइनिंग टैलेंट कर्नाटक में है, तो मुझे समझ में नहीं आता कि सरकार राजनीतिक रसूख का उपयोग करके दूसरे राज्य पर दबाव क्यों बनाना चाहती है. यह अनुचित है."