Delhi IAS Coaching Centre Deaths: 'वह मस्तीखोर हैं और मौज-मस्ती में ही उन्होंने कांड किया है', दिल्ली कोचिंग हादसा मामले में कोर्ट से बोले सरकारी वकील

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को उस एसयूवी चालक की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसे ओल्ड राजिंदर नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

Owner, Coordinator of Rau’s IAS Coaching Centre Detained (Photo Credits: X/@sudhans91877836)

Delhi IAS Coaching Centre Deaths: दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को उस एसयूवी चालक की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसे ओल्ड राजिंदर नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस हादसे में आईएएस की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई थी. न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने मनुज कथूरिया की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया. कथूरिया पर आरोप है कि उन्होंने अपनी फोर्स गोरखा कार को सड़क पर चलाया, जो बारिश के पानी से भरी हुई थी, जिससे पानी बढ़ गया और तीन मंजिला इमारत के गेट टूट गए और बेसमेंट में पानी भर गया.

सुनवाई के दौरान स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल के ड्राइवर मनोज कथूरिया ने अपनी गिरफ्तारी का विरोध किया. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कथूरिया ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट को बताया कि उसे छात्रों की मौजूदगी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. 30 फीट चौड़ी सड़क खुली थी. वहां 2.5 फीट पानी जमा था और मेरी गाड़ी की स्पीड केवल 15 किलोमीटर प्रति घंटा थी. मैं सड़क के बीचों-बीच गाड़ी चला रहा था. शासन-प्रशासन के लोग अपनी गलतियों को छिपाने के लिए आम लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं. जबकि, इस मामले में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

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इस दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कथूरिया "सहकारी लापरवाही" के दोषी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने घटना को और गंभीर बना दिया. सरकारी वकील ने अदालत में कथूरिया के सोशल मीडिया अकाउंट से लिए गए कुछ वीडियो चलाए, जिसमें उन्हें वही एसयूवी चलाते हुए दिखाया गया. इसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे इस शब्द का इस्तेमाल करने के लिए खेद है. लेकिन, वह मस्तीखोर हैं और मौज-मस्ती में उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है.

सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस की जांच अभी शुरुआती चरण में है और अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है. कथूरिया के वकील ने तर्क दिया कि दिल्ली पुलिस मामले से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर रही है. ऐसे में मेरे मुवक्किल को इस घटना के लिए कैसे दोषी ठहराया जा सकता है?

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