नई दिल्ली, 1 अगस्त: आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 (जीएनसीटीडी) लोकतंत्र को 'बाबूशाही' में बदल देगा आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संसद में मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''यह विधेयक लोकतंत्र को 'बाबूशाही' में बदल देगा जीएनसीटीडी पिछले अध्यादेश से भी बदतर है और हमारे लोकतंत्र, संविधान और दिल्ली के लोगों के खिलाफ है. यह भी पढ़े: AAP's Raghav Chadha On NDA Meeting: राघव चड्ढा ने एनडीए बैठक पर कसा तंज
दिल्ली सेवा विधेयक को संसद में अब तक पेश किया गया सबसे "अलोकतांत्रिक, अवैध कागज का टुकड़ा" करार देते हुए चड्ढा ने कहा कि यह विधेयक अनिवार्य रूप से दिल्ली की चुनी हुई सरकार से सभी शक्तियां छीन लेता है और उन्हें उपराज्यपाल और 'बाबुओं' को सौंप देता है.
चड्ढा ने कहा, "इस विधेयक से दिल्ली में लोकतंत्र की जगह 'बाबूशाही' ले लेगी इसने नौकरशाही और उपराज्यपाल को अत्यधिक शक्तियां दे दी हैं उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार के पास कोई शक्ति नहीं छोड़ी जाएगी, जो दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अपमान है, जिन्होंने भारी और ऐतिहासिक बहुमत के साथ अरविंद केजरीवाल सरकार को चुना.
चड्ढा ने कहा, "लोकसभा और राज्यसभा में अध्यादेश को बदलने के लिए जो विधेयक लाया गया है, वह अध्यादेश से भी बदतर है और हमारी न्यायपालिका पर हमला है, जिसने चुनी हुई सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया यह भारत की संघीय व्यवस्था पर हमला है. इंडिया ब्लॉक के सभी सदस्य इस विधेयक का विरोध करेंगे.
यह विधेयक उस अध्यादेश को प्रतिस्थापित करने का प्रयास करता है, जो दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण के निर्माण को अनिवार्य बनाता है चड्ढा ने दिल्ली सरकार को निशाना बनाने के लिए भाजपा की राजनीतिक प्रेरणाओं पर भी प्रकाश डाला.
राज्यसभा सांसद ने कहा, “भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने में लगातार विफल रही है और पिछले 25 वर्षों में, दिल्ली के सभी छह मुख्यमंत्री गैर-भाजपा के हैं भाजपा दिल्ली में राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक हो गई है, इसके कारण इस विधेयक के माध्यम से आप से सत्ता छीनने और दिल्ली सरकार को अप्रभावी बनाने की उनकी बेताब कोशिश हो रही है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सफलता को पचा नहीं पा रही है और किसी भी कीमत पर उन्हें रोकना चाहती है चड्ढा ने यह भी बताया कि अगर यह बिल पास हो गया तो अधिकारी दिल्ली सरकार की कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले को लागू करने से इनकार कर सकते हैं
उन्होंने कहा, “अधिकारी हर मंत्री के फैसले का ऑडिट देंगे सभी बोर्डों और आयोगों के अध्यक्षों की नियुक्ति उपराज्यपाल द्वारा की जाएगी बिजली बोर्ड और जल बोर्ड के अध्यक्ष उपराज्यपाल तय करेंगे, इसलिए वही तय करेंगे कि दिल्ली के लोगों को मुफ्त पानी और बिजली मिलेगी या नहीं नौकरशाही के साथ-साथ उपराज्यपाल भी दिल्ली सरकार और मंत्रियों के फैसलों को पलट सकते हैं
चड्ढा ने कहा, "मैं बहुत आशान्वित हूं यह 'सत्य' और 'असत्य', 'धर्म' और 'अधर्म' के बीच की लड़ाई है, जहां धर्म और सत्य हमारे साथ हैं और भाजपा जो कर रही है वह अधर्म है मुझे उम्मीद है कि धर्म विजयी हुआ है यह मेरा मूल विश्वास है कि ट्रेजरी बेंच पर बैठने वाले कई सांसद भी इस अवसर पर भारत के संविधान की रक्षा के लिए आगे आएंगे, वही संविधान जिसकी शपथ उन्होंने इस सदन के सदस्य बनने के लिए ली है.