Gatari Amavasya 2022: महाराष्ट्र के लोगों के लिए क्यों खास है गटारी अमावस्या! जानें इसका महत्व एवं इस दिन क्यों करते हैं मांस मदिरा का सेवन?
सनातन धर्म में हर अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है, लेकिन जहां तक महाराष्ट्र की बात है तो यहां गटारी अमावस्या का दिन बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. आइये जानें गटारी अमावस्या के बारे में विस्तार से...
सनातन धर्म में हर अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है, लेकिन जहां तक महाराष्ट्र की बात है तो यहां गटारी अमावस्या का दिन बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. आइये जानें गटारी अमावस्या के बारे में विस्तार से...
भारत विभिन्न जाति, धर्म, एवं भाषाओं वाला देश है. ये विभिन्नताएं हमें पर्वों पर स्पष्ट देखने को मिलती हैं. एक ही पर्व को दो विभिन्न तरीकों और तिथियों में कैसे मनाया जाता है, इसका उदाहरण है गटारी अमावस्या. उत्तर भारत में जब सावन के पहले 15 दिन निकल जाते हैं, तब महाराष्ट्र में सावन की शुरुआत होती है. सावन शुक्लपक्ष की अमावस्या को महाराष्ट्र के लोग गटारी अमावस्या के रूप में बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं. चूंकि अगले दिन से सावन माह की शुरुआत होती है, इसलिए इस दिन अधिकांश मराठी परिवार विशेष प्रकार के व्यंजनों का सेवन करते हैं. यह भी पढ़ें : Sawan Shivratri 2022: श्रावण शिवरात्रि के मौके पर सुने ये भोलेनाथ के भक्ति गीत, दिन की होगी भक्तिमय शुरुआत!
क्या है गटारी अमावस्या?
मराठी कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ मास के अमावस्या के दिन गटारी अमावस्या मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष गटारी अमावस्या 28 जुलाई 2022 गुरुवार के दिन मनाई जाएगी. गौरतलब है कि उत्तर भारत में 15 दिन सावन पूरा होने के बाद महाराष्ट्र में सावन की शुरुआत होती है. यानी महाराष्ट्र में सावन 29 जुलाई 2022 से शुरू होगा, और अगले दिन से एक माह तक भगवान शिव की पूजा-अनुष्ठान एवं उसके बाद गणेश उत्सव का पर्व मनाते हैं. इस कारण मराठी समाज के लोग 40 दिनों तक सात्विक भोजन करते हैं. इसलिए गटारी अमावस्या के दिन यहां अधिकांश लोग शराब एवं मांसाहार का जम कर सेवन करते हैं. वहीं उत्तर भारत में यह दिन हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है.
गटारी अमावस्या की तिथि
आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या प्रारंभः 09.12 PM (27 जुलाई. 2022) से
आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या समाप्तः 11.24 PM (28 जुलाई. 2022) तक
गटारी अमावस्या का महत्व
गौरतलब है कि हिंदू धर्म चंद्र पंचांग तीस चंद्र चरणों का उपयोग करता है, जिसे हिंदू धर्म तिथि कहते हैं. सावन का दिव्य स्वागत के लिए मराठी समाज के लो इस दिन को बहुत धूमधाम सेलिब्रेट करते हैं. दरअसल यह अमावस्या पारंपरिक मराठी माह का अंतिम दिन है और माह पर चिह्नित चांदनी रात को गटारी अमावस्या के रूप में जाना जाता है. गटारी के दिन मराठी समुदाय अपने मित्र एवं परिजनों के साथ रात में स्वादिष्ट मांसाहारी खाद्य पदार्थों और शराब आदि का आनंद उठाते हैं.
क्यों मनाते हैं गटारी अमावस्या
सावन माह में अतिवृष्टि के कारण तमाम तरह के रोगों का खतरा रहता है. ऊपर से भगवान शिव की पूजा-अनुष्ठान भी होता है, इसलिए इस पूरे माह लोग सात्विक आहार का सेवन करते हैं. चूंकि यह परहेज पूरे 40 दिनों तक करना होता है, इसलिए मराठी कैलेंडर के अनुसार सावन मास से एक दिन पूर्व अपने मित्रों एवं परिवार वालों के साथ सामूहिक भोज का आनंद उठाते हैं, जिसमें अधिकांशतया विभिन्न किस्म के मांसाहारी खाद्य पदार्थ एवं शराब का धड़ल्ले से सेवन किया जाता है, यह दावत सुबह होने तक चलता रहता है.