2009 के बजट में 26 राज्यों के नाम गायब थे... बिहार-आंध्र पर मेहरबानी का निर्मला सीतारमण ने दिया जवाब

वित्त मंत्री ने कहा, विपक्ष ने बजट स्पीच में राज्यों के नाम ना लेने को लेकर भ्रामक दुष्प्रचार फैलाया है. बजट भाषण में क‍िसी राज्‍य का नाम न लेने का मतलब ये नहीं है क‍ि उस राज्‍य की उपेक्षा की गई हो.

Nirmala Sitharaman | ANI

नई दिल्ली: लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला था. विपक्ष ने आरोप लगाया था क‍ि सरकार अपने सहयोग‍ियों जेडीयू और टीडीपी के आगे झुक गई. बजट का ज्‍यादातर ह‍िस्‍सा बिहार और आंध्र प्रदेश में बांट दिया और बजट भाषण में कई राज्‍यों के नाम तक नहीं लिए गए. अब बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पलटवार किया. विपक्ष ने जहां इस बजट को कुर्सी बचाओ बजट नाम दिया. वहीं, अब वित्त मंत्री ने विपक्ष के सभी आरोपों का भ्रम फैलाने वाला बताया. उन्‍होंने बताया क‍ि यूपीए सरकार में क्‍या होता था.

वित्त मंत्री ने कहा, विपक्ष ने बजट स्पीच में राज्यों के नाम ना लेने को लेकर भ्रामक दुष्प्रचार फैलाया है. बजट भाषण में क‍िसी राज्‍य का नाम न लेने का मतलब ये नहीं है क‍ि उस राज्‍य की उपेक्षा की गई हो. ये भी नहीं है क‍ि उस राज्‍य को पैसा नहीं दिया जा रहा है. बजट में सरकार ने सभी राज्‍यों को समान नजर से देखा है.

विपक्ष के आरोपों पर वित्त मंत्री का जवाब

वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, मैं 2004-2005, 2005-2006, 2006-2007, 2007-2008 के बजट भाषण की बात करूं तो.. 2004-2005 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं लिया गया. मैं यूपीए सरकार के सदस्यों से पूछना चाहती हूं- क्या उस समय उन 17 राज्यों में पैसा नहीं गया? यूपीए सरकार के समय 2009-2010 में केवल बिहार और उत्‍तर प्रदेश का ज‍िक्र क‍िया गया था. 26 राज्‍यों का उल्‍लेख तक नहीं क‍िया गया.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "जुलाई 2024 में जारी SBI शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2014 और 2023 के बीच 12.5 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ जबकि यूपीए सरकार के 10 वर्षों के दौरान केवल 2.9 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ था. बेरोजगारी दर 2017-18 में 6 फीसदी से घटकर 2022-23 में 3.2% के निचले स्तर पर आ गई है. 15-29 वर्ष की आयु वर्ग के लिए युवा बेरोजगारी 2017-18 में 17.8% से तेजी से घटकर 2022-23 में 10% हो गई है.''

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