वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- मनरेगा में फर्जी अकांउट का था बोलबाला,बन गया था भ्रष्टाचार का स्रोत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधते हुए कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के कार्यकाल में शुरू की गयी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) में फर्जी (घोस्ट) अकाउंट का बोलबाला था और उस समय यह भ्रष्टाचार का स्रोत बना हुआ था. राज्यसभा (Rajya Sabha) में शुक्रवार को आम बजट (Budget) पर जारी चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा,संप्रग सरकार के कारण ही यह योजना शुरू हुई है लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगी कि इसका गलत इस्तेमाल भी इन्हीं के कारण हुआ है. Budget 2022: राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं, आम बजट में आजाद भारत के 100 साल को लेकर दूरदृष्टि

उन्होंने कहा, मनरेगा फर्जी अकांउट से भरा था और इसका बेजा इस्तेमाल भी इन्हीं का योगदान माना जाना चाहिए. निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर तेज करते हुए कहा कि यह योजना कृषि के उस मौसम के दौैरान रोजगार सृजन के लिए शुरू की गयी थी, जब खेतों में ज्यादा काम नहीं रहता था और मौजूदा सरकार इसका इसी दिशा में उपयोग करने के लिए काम कर रही है और इसका उपयोग पूरी पारदर्शिता के साथ हो रहा है.

कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन तथा उवर्रक के लिए अनुदान दिये जाने के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि बोझ किसानों पर न पड़े. किसानों की आय दोगुनी किये जाने के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2013-14 के मुकाबले इस बजट में कृषि मंत्रालय का आवंटन 6.6 गुणा अधिक है और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिये किसान सम्मान निधि के लिए 68,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.

स्वास्थ्य क्षेत्र के आवंटन के विषय में उन्होंने कहा कि बजट में इसके लिए इस बार 86,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जबकि चालू वित्त वर्ष में इस क्षेत्र के लिए 80,000 करोड़ रुपये तथा 2019-20 में 64,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे.

वित्त मंत्री ने कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योग के लिए किये गये आवंटन और विभिन्न मौद्रिक योजनाओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि ऐसा आरोप लगाया है कि इस दौरान 67 प्रतिशत एमएसएमई बंद हो गये लेकिन विपक्ष यह बताना भूल गया कि कोविड के कारण लगाये गये लॉकडाउन की वजह से ये उद्योग अस्थायी रूप से बंद हुये थे और अब ये रिण गारंटी योजना का लाभ उठाकर पूर्ववत काम कर रहे हैं.

महंगाई के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि दुनिया भर के वित्त मंत्रियों के लिए महंगाई पर काबू पाना महत्वपूर्ण काम है. उन्होंने महंगाई के मसले पर विपक्ष को घेरते हुए कहा, वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि महंगाई दर नियंत्रित रहे. इसे हर बार छह प्रतिशत के दायरे में लाया गया और हमारा प्रबंधन जबरदस्त रहा. इस देश में उच्चतम महंगाई दर 2010-14 के दौरान रही जब खुदरा महंगाई दर अधिकतर महीनों में नौ प्रतिशत के आसपास बनी रही.