FastTag: राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग के अनिवार्य इस्तेमाल के लिए सरकार 31 दिसंबर की डेडलाइन को आगे बढ़ा सकती है
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2021 से वाहनों के टोल टैक्स (Toll Tax) के लिए फास्टैग (Fastag) को अनिवार्य करने का फैसला किया था. लेकिन सरकार अब इस फैसले को आगे बाधा सकती है. सूत्रों के अनुसार ये एक्सटेंशन एक महीने से कम अवधि तक होगा, यह फैसला राजमार्गों पर अभी भी बड़ी संख्या में लोगों के कैश भुगतान को देखते हुए लिया गया है.
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2021 से वाहनों के टोल टैक्स (Toll Tax) के लिए फास्टैग (Fastag) को अनिवार्य करने का फैसला किया था. लेकिन सरकार अब इस फैसले को आगे बाधा सकती है. सूत्रों के अनुसार ये एक्सटेंशन एक महीने से कम अवधि तक होगा, यह फैसला राजमार्गों पर अभी भी बड़ी संख्या में लोगों के कैश भुगतान को देखते हुए लिया गया है. वर्तमान में, FASTag द्वारा लेनदेन का हिस्सा 75-78% के आसपास है.
सरकार ने पहले कहा था कि 1 जनवरी, 2021 से सभी पुराने वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य किया जाएगा. नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने भी कहा था कि 1 जनवरी, 2021 से टोल टैक्स कलेक्शन कैश में पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. लेकिन अभी तत्काल यह संभव नहीं है. सरकार टोल टैक्स कलेक्शन पूरी तरह से FASTag के जरिए लेना चाहती है. टोल प्लाजा पर कैश को खत्म करने के लिए दोनों साइड से FASTag के लिए अलग से लाइन बनाई है. ऐसे में अगर कोई बिना FASTag के इस लाइन में आ गया तो उसे नॉर्मल टोल टैक्स से दोगुना पेमेंट करना होता है. यह भी पढ़ें: FASTtag: फास्टटैग को लेकर बड़ा अपडेट, अगर नहीं लिया तो 1 जनवरी से चुकाने होंगे इतने पैसे
नकद लेनदेन का एक कानूनी तरीका है और किसी को भी नकद में भुगतान करने से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए, सबसे अच्छा विकल्प मोटर वेहिकल रूल्स को सख्त करना होगा. एक अधिकारी ने कहा कि हाल के महीनों में FASTags का उपयोग करने वाले यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
बता दें कि FASTag एक स्टिकर है जिसमें एक इंटीग्रेटेड रेडियो-फ्रिकेवेंसी आइडेंटीफिकेशन (RIFD) बारकोड (integrated radio-frequency Identification (RIFD) barcode) है जो संबंधित वाहनों के रजिस्ट्रेशन लिंक से जुड़ा होता है. जब ये टोल प्लाजा से गुजरते हैं, तो मौके पर FASTag के रीडर बारकोड को पढ़ते हैं और उसके अनुसार उचित राशि काटते हैं. FASTag जारी होने की तारीख से पांच साल की अवधि तक वेलिड होता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, FASTag 2016 में लॉन्च किया गया था और चार बैंक मिलकर लगभग एक लाख FASTags जारी कर चुके हैं. साल 2017 तक, सात लाख FASTags उपलब्ध थे और 2018 में, 34 लाख FASTags जारी किए गए थे. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 1 अप्रैल, 2021 से एक वेलिड FASTag को नए थर्ड पार्टी बीमा के लिए भी अनिवार्य किया जाएगा.