Farmers Protest: किसान नेताओं संग कुछ ही देर में शुरू होगी केंद्रीय मंत्रियों की बातचीत, MSP गारंटी सहित इन मांगों पर अटकी है बात

चंडीगढ़ में किसान नेताओं और सरकार के बीत चौथे दौर की वार्ता होनी है. इससे पहले हुई तीन दौर की वार्ताओं में सहमति नहीं बन पाई है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय चंडीगढ़ के होटल में पहुंच चुके हैं.

Farmers Protest | PTI

नई दिल्ली: चंडीगढ़ में किसान नेताओं और सरकार के बीत चौथे दौर की वार्ता होनी है. इससे पहले हुई तीन दौर की वार्ताओं में सहमति नहीं बन पाई है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय चंडीगढ़ के होटल में पहुंच चुके हैं. कुछ ही देर में वे किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे. यह बैठक ऐसे वक्त में होनी है जब हजारों किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू तथा खनौरी में डटे हुए हैं और उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में आने के लिए रोकने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षा बल तैनात हैं.

इससे पहले किसान नेताओं और सरकार के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को मीटिंग हुई है, लेकिन इनमें कोई सफलता नहीं मिली. दरअसल किसान फसलों के न्यूनत समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी पर कानून की मांग पर अड़े हुए हैं.

चंडीगढ़ के होटल पहुंचे केंद्रीय मंत्री

किसानों की सरकार से 13 प्रमुख मांगें हैं, जिनमें से सरकार की ओर 10 मांगों को मान लिया गया है. बात सिर्फ तीन मांगों पर अटकी हुई है. ये मांगें हैं- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून, किसानों की कर्ज माफी और 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन.

एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए "न्याय", भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं.

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