इटली में भारतीय श्रमिक की मौत के बाद खेत मालिक गिरफ्तार
इटली में खेती के दौरान भारतीय श्रमिक सतनाम सिंह की मौत के 15 दिनों बाद खेत मालिक को हत्या के संदेह में गिरफ्तार कर लिया गया है.
इटली में खेती के दौरान भारतीय श्रमिक सतनाम सिंह की मौत के 15 दिनों बाद खेत मालिक को हत्या के संदेह में गिरफ्तार कर लिया गया है. सतनाम की मौत से इटली में भी कई लोगों को धक्का लगा है और यूनियन प्रदर्शन कर रहे हैं.इटली की राजधानी रोम के करीब स्थित प्रांत लैटिना में सतनाम सिंह की मौत 17 जून को तब हो गई थी जब खेतों में काम करने के दौरान एक मशीन से उनका हाथ कट गया. अभियोजकों का कहना है कि खेतों के मालिक ने लहूलुहान सतनाम को छोड़ दिया था और एम्बुलेंस भी नहीं बुलाई थी.
31 साल के सतनाम का हाथ एक नायलॉन-रैपिंग मशीन में फंस कर कट गया था. इटली के अखबार कोरियेर डेला सेरा ने दावा किया कि खेतों के मालिक एंतोनेलो लोवातो की गिरफ्तारी के वारंट के मुताबिक जो ट्रैक्टर इस मशीन को खींच रहा था उसे लोवातो ही चला रहे थे.
बचा सकते थे सतनाम की जान
लेकिन सतनाम का हाथ कटने के बाद वो उन्हें सिर्फ उनके घर तक ले गए और उन्हें और उनके कटे हुए हाथ को वहीं एक फलों की टोकरी में रख कर भाग गए. 38 वर्षीय लोवातो के खिलाफ शुरू में गैर-इरादतन हत्या के आरोप लगे थे, लेकिन बाद में अभियोजकों ने उन पर इरादतन हत्या का भी आरोप लगा दिया.
इसके बाद लैटिना प्रांत की काराबिनियेरी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. फॉरेंसिक जांच से पता चला था कि सतनाम की मौत "अत्याधिक खून बह जाने" की वजह से हुई थी. अभियोजकों ने एक बयान में कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक अगर उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो उनके बच जाने की काफी संभावना थी.
जंग के बीच में भी रोजगार की तलाश
मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि खेतों में सतनाम के साथ काम करने वालीं उनकी पत्नी लोवातो से एम्बुलेंस बुलाने की गुहार लगाती रहीं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और कहा कि सतनाम की मौत हो चुकी है.
एक स्थानीय टीवी चैनल ने लोवातो के एक पड़ोसी से बात की और उन्होंने बताया कि अंत में उन्होंने ही एम्बुलेंस को बुलाया. वहां से सतनाम को रोम के सान कैमिलो अस्पताल ले जाया गया जहां दो दिनों बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
मृतक पर लगाया दोष
अभियोजकों ने अपने बयान में बताया कि हादसे के बाद उनकी हालत इतनी गंभीर थी कि यह स्पष्ट था कि उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाए जाने की जरूरत थी.
बयान में आगे कहा गया, "इसलिए इस समय यही माना जाना चाहिए कि आवश्यक देखभाल की जरूरत को नकारने के फैसले का मतलब मृत्यु के जोखिम को मान लेना था और इस वजह से वह कारण उत्पन्न हुआ जिससे मौत हुई."
लोवातो के वकीलों ने तुरंत कोई बयान जारी नहीं किया था. स्थानीय टीवी चैनल को लोवातो के पिता रेंजो ने बताया कि सतनाम को मशीन के ज्यादा पास ना जानी की चेतावानी दी गई थी लेकिन उन्होंने चेतावनी को "हल्के में लिया" और उनके रवैय्ये की "सभी को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी."
भारत ही नहीं, पाकिस्तान से भी जारी है खतरनाक आप्रवासन
सतनाम की मौत से इटली में भी कई लोगों को धक्का पंहुचा है. यूनियन और कृषि मजदूर प्रदर्शन कर रहे हैं और काम करने के बेहतर हालात की मांग कर रहे हैं. उन्होंने "कापोरालातो" नाम की इस शोषक प्रथा के अंत की मांग की है जिसके तहत इटली के कृषि उद्योग में प्रवाशी श्रमिकों को कम वेतन देकर काम कराया जाता है.
प्रवासी श्रमिकों का शोषण
इटली के राष्ट्रपति सर्जियो मातारेला ने भी इस मामले पर टिप्पणी की है और कहा है कि सतनाम जैसे श्रमिकों का "क्रूर" शोषण हो रहा है और देश में कृषि मजदूर अक्सर "अमानवीय" हालात में काम कर रहे हैं.
अनुमान है कि इटली में करीब 2,30,000 लोग गैर-कानूनी रूप से काम कर रहे हैं. इनमें भारत और पाकिस्तान जैसे देशों से आए हुए कई प्रवासी शामिल हैं जिनसे बहुत कम वेतन पर काम कराया जाता है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रेंजो के खिलाफ 2019 में अवैध रूप से विदेशी श्रमिकों से कम वेतन में मजदूरी करवाने के लिए एक जांच शुरू की गई थी. कहा जा रहा है कि वो श्रमिकों को 200 यूरो यानी 18,000 रुपयों से भी कम मासिक वेतन देते हैं. अधिकारियों को शौच और स्नान की व्यवस्था भी बदतर हाल में मिली.
सीके/एए (एपी, डीपीए)