नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के खिलाफ अवमानना याचिका पर सोमवार को बोर्ड को नोटिस जारी किया. इस अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया है कि शीर्ष अदालत के आदेश की ‘‘अवज्ञा’’ करते हुये बोर्ड जांची जा चुकी उत्तर पुस्तिकाओं की प्रतियां उपलब्ध कराने के लिये छात्रों से 1200 रुपए का शुल्क वसूल रहा है.
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने अवमानना याचिका पर बोर्ड को छह सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है.
अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया है कि बोर्ड जानबूझ कर शीर्ष अदालत के निर्देशों की अवज्ञा कर रहा है जिसने 2016 में कहा था कि बोर्ड को उसके 2011 के फैसले का पालन करना चाहिए कि सूचना के अधिकार कानून के तहत छात्रों को अपनी जांच गयी उत्तर पुस्तिकाओं देखने का मौलिक और कानूनी अधिकार है.
याचिका में दावा किया गया है कि न्यायालय के निर्देश के बावजूद बोर्ड ने एक अधिसूचना प्रकाशित कर जांची गयी उत्तर पुस्तिका प्राप्त करने के लिये दसवीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिये क्रमश: एक हजार रूपए और 1200 रूपए शुल्क निर्धारित किया है.
याचिका में कहा गया है कि न्यायालय के निर्देशानुसार उत्तर पुस्तिकायें प्राप्त करने के लिये छात्रों से 2012 के आरटीआई नियमों के अंतर्गत निर्धारित शुल्क ही लिया जाना चाहिए.
याचिका में छात्रों की जांची गयी उत्तर पुस्तिका की प्रति प्राप्त करने के लिये शुल्क निर्धारित करने संबंधी बोर्ड की अधिसूचना निरस्त करने का अनुरोध किया गया है.