Madhya Pradesh: कोरोना काल के दौरान पपीता की खेती कर किसान बना लखपति
पपीते का फल ( फोटो क्रेडिट- pixabay)

खेती जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती है, बस जरुरत इस बात की है कि किस फसल की खेती करना है, इसका चयन सही हो और मेहनत लगाकर काम किया जा सके. इसी तरह का उदाहरण हैं मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के किसान गोविंद कॉग. इन्होने कोरोना महामारी की पूर्णबंदी के दौरान पपीता की खेती से बड़ी आमदनी हासिल की है और लखपति बन गए हैं. बड़वानी जिला मुख्यालय से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम लोनसरा. यहां के किसान गोविन्द काग एक प्रगतिशील कृषक हैं, जो कि पिछले आठ वर्षों से बड़वानी जिले में टमाटर, करेला, खीरा जैसी सब्जियों की खेती कर रहे थे.

कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन किया गया तो, इस अवधि में गोविन्द कॉग ने कृषि विज्ञान केंद्र से मार्गदर्शन प्राप्त कर फलों के अंतर्गत पपीता की खेती करने का विचार किया, तथा केंद्र से तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त कर पपीता की उन्नत किस्म ताईवान-786 का रोपण किया. गोविंद के मुताबिक ड्रिप सिंचाई पद्धति से पपीते के पौधों को लगाया. पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व दिए तथा इन पौधों से नवंबर माह में फल प्राप्त होने लगे. Baby Elephant: थाईलैंड में गन्ना खाते हुए पकड़े जाने पर पोल के पीछ छुपता दिखा नन्हा हाथी, मनमोहक तस्वीर हुई वायरल.

इस प्रकार चार हजार पौधों को चार एकड़ क्षेत्रफल में लगाया गया था. उनके उचित प्रबंधन हेतु कृषि विज्ञान केंद्र बड़वानी के वैज्ञानिकों से समय-समय पर तकनीकी सलाह ली. गोविंद कॉग ने बताया है कि उन्हे पपीता का कुल उत्पादन 1650 क्विंटल प्राप्त हुआ. इससे उन्हे कुल 10 लाख 73 हजार रुपये की आमदनी हुई. वहीं उन्होंने फसल उपज पर कुल चार लाख रुपये खर्च किए. कुल मिलाकर उन्हे पपीता की खेती से छह लाख 30 हजार की शुद्ध आय प्राप्त हुई.