नई दिल्ली, 23 मार्च: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) शुक्रवार को कर्नाटक (Karnataka) के बेंगलुरु (Bengaluru) में मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. सम्मेलन में 5 दक्षिणी राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री बैठक के दौरान 1,235 करोड़ रुपये मूल्य के 9,298 किलोग्राम जब्त ड्रग्स को नष्ट करने की निगरानी भी करेंगे. जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान, समुद्री मार्ग से मादक पदार्थों की तस्करी को कम करने के तरीके, मादक पदार्थों के तस्करों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई, शून्य सहिष्णुता, राज्य और केंद्रीय दवा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय/सहयोग और प्रसार जैसे पहलुओं पर जोर दिया जाएगा. यह भी पढ़ें: Rajnath Singh on Rahul Gandhi: इस सच्चाई को उन्हें स्वीकार करना चाहिए, शब्दों की चोट, शस्त्रों की चोट से ज्यादा गहरी और पीड़ादायी होती है
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नशा मुक्त भारत बनाने के लिए ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. दरअसल आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 1 जून, 2022 से शुरू हुए 75 दिवसीय अभियान के दौरान 75,000 किलोग्राम नशीले पदार्थों को नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया था. अब तक लक्ष्य से ज्यादा 5,94,620 किलोग्राम जप्त मादक पदार्थ जिसकी कीमत 8,409 करोड़ रुपये है को अब तक नष्ट कर दिया गया है. इन नष्ट किए गए ड्रग्स में से 3,138 करोड़ रुपये मूल्य के 1,29,363 किलोग्राम ड्रग्स को अकेले एनसीबी ने नष्ट किया है.
गृह मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने संस्थागत संरचना को मजबूत करने, सभी नारकोटिक्स एजेंसियों के सशक्तिकरण और समन्वय और नशीले पदार्थों पर नकेल कसने के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान के लिए त्रि-आयामी सूत्र अपनाया है. इनमें नशीले पदार्थों के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सभी राज्यों को नियमित रूप से जिला-स्तरीय और राज्य-स्तरीय एनसीओआरडी की बैठक बुलानी चाहिए.
वहीं नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में नवीनतम तकनीक का उपयोग आगे का रास्ता होना चाहिए और अफीम की खेती करने वाले क्षेत्रों की पहचान और नियंत्रण के लिए ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सैटेलाइट मैपिंग का उपयोग सावधानी से किया जाना चाहिए. वहीं पूरे नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए इसके सोर्स से लेकर डेस्टिनेशन तक ड्रग्स के मामलों की गहन जांच की जानी चाहिए.