महाराष्ट्र: छत्रपति संभाजीनगर में गलत इलाज के कारण बच्चे की मौत! डॉक्टरों पर सबूत मिटाने का आरोप, केस दर्ज

26 अप्रैल को 5 वर्षीय बच्चे को वेदांत अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसी दिन उसका ऑपरेशन किया गया. बच्चे का इलाज लगभग 10 दिनों तक चला, लेकिन 6 मई को उसकी मौत हो गई.

(Photo Credit- Pixabay)

छत्रपति संभाजीनगर के एक निजी अस्पताल के छह डॉक्टरों के खिलाफ एक 5 वर्षीय बच्चे की मौत के मामले में लापरवाही और सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने शुक्रवार को जानकारी दी कि यह मामला वेदांत अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ बच्चे के पिता की शिकायत पर दर्ज किया गया.

क्या है मामला? 

26 अप्रैल को 5 वर्षीय बच्चे को वेदांत अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसी दिन उसका ऑपरेशन किया गया. बच्चे का इलाज लगभग 10 दिनों तक चला, लेकिन 6 मई को उसकी मौत हो गई.

बच्चे के पिता, अविनाश अघाव ने आरोप लगाया कि उनके बेटे की मौत अस्पताल की गलत इलाज पद्धति के कारण हुई. उन्होंने यह भी दावा किया कि अस्पताल ने सबूतों से छेड़छाड़ की और इलाज से जुड़े दस्तावेज़ उन्हें नहीं दिए.

CCTV फुटेज पर भी सवाल 

पिता का आरोप है कि अस्पताल ने 26 अप्रैल से 28 अप्रैल तक की CCTV फुटेज को भी नष्ट कर दिया. पुलिस द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, यह सबूत छेड़छाड़ का गंभीर मामला बनता है.

डॉक्टरों पर लगे आरोप 

पुलिस ने डॉक्टर अर्जुन पवार, शेख इलियास, अजय काले, अभिजीत देशमुख, तुषार चव्हाण और नितिन अधाने के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 (लापरवाही से मौत) और धारा 201 (सबूत नष्ट करना) के तहत मामला दर्ज किया है.

पुलिस जांच और सवाल 

हालांकि, इस मामले में एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि बच्चे की मौत 6 मई को हुई, लेकिन केस दर्ज करने में इतना समय क्यों लगा. पुलिस ने इस समय अंतराल के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है.

परिवार का न्याय की मांग 

बच्चे के पिता अब न्याय की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि लापरवाह इलाज के कारण उन्होंने अपने बेटे को खो दिया और अस्पताल ने न केवल सबूत छिपाए, बल्कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रखी.

आगे की कार्रवाई 

पुलिस मामले की जांच कर रही है. डॉक्टरों के खिलाफ आरोपों की सत्यता और सबूतों की जांच के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है.

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