प्रधानमंत्री मोदी में साक्षात ईश्वरीय गुण: केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस

केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख पशुपति पारस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की और उन्हें साक्षात भगवान बताया है. उन्होंने यहां तक कहा कि वे जिस तरह काम करते हैं, वह आम आदमी नही कर सकता है.

पशुपति पारस (Photo Credits ANI)

हाजीपुर, 22 फरवरी : केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख पशुपति पारस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की और उन्हें साक्षात भगवान बताया है. उन्होंने यहां तक कहा कि वे जिस तरह काम करते हैं, वह आम आदमी नही कर सकता है. बिहार के हाजीपुर पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने मोदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे जब तक जिंदा रहेंगे, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में रहेंगे.

पारस ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि अब तक देश को जितने प्रधानमंत्री मिले, उनमें सबसे अच्छा मोदी हैं. उन्होंने इस दौरान हालांकि स्वर्गीय इंदिरा गांधी की भी तारीफ की. पारस ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में जो बातें विभागीय मंत्री को याद या पता नहीं होता, वह प्रधानमंत्री को याद रहता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जिस तरह काम करते हैं वह आम आदमी नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि उनमें साक्षात ईश्वरीय गुण हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज तक कोई भगवान को नहीं देखा है, कल्पना ही किया जाता है, लेकिन मेरी राय है कि प्रधानमंत्री मोदी साक्षात भगवान हैं. उनसे जब भी मुलाकात होती है तो लगता है भगवान से मुलाकात हो रही है. यह भी पढ़ें : Mumbai: पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को मिली राहत, SC ने 9 मार्च तक जांच रोकने का दिया आदेश, CBI को सौंपा जा सकता है केस

पारस ने कई कार्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि वे सिर्फ हिंदुस्तान नहीं बल्कि विश्व स्तर के नेता हैं. इनका मुकाबला कोई नहीं कर सकता. केंद्रीय मंत्री पारस से जब पूछा गया कि उनके भतीजे को बिहार में विकास नहीं नजर आता तो उन्होंने कहा कि चिराग अपना काम कर रहे हैं और वे अपना. पशुपति पारस केंद्र सरकार में लोजपा कोटे से मंत्री हैं. हालांकि, पारस को पार्टी टूटने का भी अफसोस है. उन्होंने कहा कि हमारे बड़े भाई और छोटे भाई का स्वर्गवास होने के बाद हमारी पार्टी टूट गई. परिवार टूट गया. यह सवाल चिराग से पूछा जाना चाहिए.

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