नई दिल्ली: X ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक अर्जी दायर की है, जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं द्वारा पोस्ट किया गया वीडियो, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पत्रकार रजत शर्मा ने कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक के खिलाफ अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया, वह फर्जी या एडिट नहीं है.
X ने हाई कोर्ट में एक अर्जी दायर की है जिसमें कोर्ट के अंतरिम आदेश को रद्द करने की मांग की गई है. इस आदेश में X और कांग्रेस नेताओं नायक, जयराम रमेश और पवन खेड़ा को विवादित वीडियो को हटाने का निर्देश दिया गया था.
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ने तर्क दिया है कि पूरी घटना का कच्चा फुटेज अभी भी इंडिया TV के यूट्यूब चैनल (रजत शर्मा की मालिकी वाला) पर उपलब्ध है और इसमें उनके द्वारा कहे गए शब्द दिखाई दे रहे हैं, जिन्हें उनहोंने नकारा था.
अर्जी में कहा गया है- "वादी के चैनल का खुद का कच्चा फुटेज, जो 04.06.2024 को लाइव स्ट्रीम होने के बाद से इंडिया TV के यूट्यूब चैनल पर व्यापक रूप से उपलब्ध है, और यह वादी को "S***** F*****" शब्द हिंदी में ("b**** c***") कहते हुए दिखाता है. वीडियो और इंडिया TV द्वारा लाइव स्ट्रीम किए गए फुटेज (https://www.youtube.com/live/1OEVNHtAN0) के बीच तुलना से पता चलता है कि दोनों वीडियो सामग्री में समान हैं. इस प्रकार, पोस्ट में वीडियो प्रथम दृष्टया वास्तविक है और इंडिया TV के यूट्यूब चैनल की लाइव स्ट्रीम से मिलता जुलता है, जो अभी भी ऑनलाइन उपलब्ध है."
Video of Rajat Sharma abusing Ragini Nayak on live TV not fake or edited: Twitter to Delhi High Court
report by @prashantjha996 https://t.co/PWHZVHkHdV
— Bar and Bench (@barandbench) July 11, 2024
वरिष्ठ वकील राजशेखर राव आज हाई कोर्ट के सामने ट्विटर की तरफ से पेश हुए और कहा कि शर्मा के मुक़दमे का पूरा आधार यह है कि उनहोंने नायक के खिलाफ अश्लील भाषा का इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन अगर वीडियो को ध्यान से और ईयरफ़ोन से सुना जाए, तो उनके कुछ बड़बड़ाते हुए सुनाई दे सकता है.
राव ने तर्क दिया कि शर्मा द्वारा प्रदत्त ट्रांसक्रिप्ट में कहा गया है कि नायक के साथ उनकी बातचीत के बाद कुछ नहीं कहा गया, लेकिन वीडियो में साफ़ तौर पर दिखाई दे रहा है कि उनहोंने कुछ कहा.
राव ने कहा- “यह एक मामला है जहाँ वादी कहता है कि उसने कुछ नहीं कहा. अगर आप सामग्री सुनते हैं, तो यह दिखाता है कि उसने कुछ कहा... मुख्य रूप से, मैं यह दिखाने में सक्षम हूँ कि कुछ कहा गया... इस आधार पर ही, मुक़दमा [शर्मा द्वारा] जाना चाहिए... यह आदेश [अंतरिम निषेधाज्ञा] जाना चाहिए,”
वरिष्ठ वकील प्रशांत चंद्र सेन आज तीनों कांग्रेस नेताओं की तरफ से पेश हुए और कहा कि वे भी निषेधाज्ञा आदेश को रद्द करने के लिए एक अर्जी दायर करेंगे. इस बीच, वरिष्ठ वकील संदीप सेठी शर्मा की तरफ से पेश हुए और कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद, विवादित ट्वीट अभी तक नहीं हटाए गए हैं. इसलिए, न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने प्रतिवादी को कोर्ट के आदेश का पालन करने और ट्वीट हटाने के लिए कहा.
हाई कोर्ट के एक एकल न्यायाधीश ने 14 जून को एक एक्स पार्टे आदेश पास किया था जिसमें नायक, रमेश और खेड़ा द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो को हटाने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि शर्मा ने लोक सभा चुनाव परिणामों पर चर्चा के दौरान लाइव टेलीविजन पर नायक का अपमान किया और उनके खिलाफ अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया.
शर्मा ने नायक, खेड़ा और रमेश पर मानहानि का मुक़दमा दायर किया है और 100 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया है. कई सोशल मीडिया हैंडल ने इंडिया TV (शर्मा की मालिकी वाला न्यूज़ चैनल) पर चर्चा का एक वीडियो क्लिप पोस्ट किया था जिसमें दावा किया गया था कि शर्मा ने कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक के खिलाफ अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया.
10 जून को, नायक ने X पर वीडियो पोस्ट किया और कहा कि वीडियो में, शर्मा को उनके खिलाफ अश्लील भाषा का इस्तेमाल करते हुए सुना जा सकता है. उसने फ़िर शर्मा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.
बाद में, 11 जून को, शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के मीडिया सेल ने एक झूठा प्रचार छाड़ा कि उनहोंने अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया और यह एक साज़िश थी. X कॉर्प ने हाई कोर्ट की डिवीज़न बेंच के सामने आदेश को चुनौती दी थी. हालांकि, बेंच ने एकल न्यायाधीश के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और X को एकल न्यायाधीश के सामने अपना मामला पेश करने के लिए कहा. डिवीज़न बेंच ने यह भी कहा कि एकल न्यायाधीश का टेक डाउन आदेश एक अंतरिम आदेश माना जाएगा.