तिरुवनंतपुरम, 2 मार्च : कोझिकोड की रहने वाली केरल की गृहिणी हर्षिना एक मेडिकल रिपोर्ट के बारे में सुनने के बाद सदमे में हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल उनके पेट से 11 सेंटीमीटर लंबी कैंची निकाली गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि कैंची कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों के लापरवाही से उसके पेट में छूट गई थी, जहां उसने सीजेरियन ऑपरेशन के बाद 2017 में अपने तीसरे बच्चे को जन्म दिया था.
विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा की गई यह दूसरी रिपोर्ट थी, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि कैंची कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नहीं थी. रिपोर्ट से नाराज हर्षिना ने कहा कि उनका राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था और राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज से भरोसा उठ गया है. हर्षिना ने कहा, इस रिपोर्ट का क्या मतलब है, क्या इसका मतलब यह है कि मैंने इसे निगल लिया. मैं न्याय मिलने तक अपना विरोध जारी रखूंगी. यह भी पढ़ें : पूर्वोत्तर में बेहतर प्रदर्शन : भाजपा ने केंद्र सरकार के शांति और विकास के एजेंडे की सराहना की
उसकी परेशानी तब शुरू हुई, जब वह 2017 में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अपनी तीसरी डिलीवरी के लिए आई.पिछले साल अक्टूबर में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक सर्जरी के बाद कैंची निकाल दी गई थी, उसने कहा कि 30 नवंबर, 2017 को उसका सीजेरियन ऑपरेशन हुआ था. उसके पेट में बार-बार दर्द होता था और कई बार परामर्श और चेकअप के बावजूद दर्द कम नहीं हो रहा था. कई अस्पतालों के दौरे के बाद जब एक सीटी स्कैन किया गया, तो पता चला कि एक कैंची मेरे पेट में थी.