RTI का जवाब देने के लिए जमा कराए 1.49 लाख रुपये, विभाग ने कहा- खुद ढोकर ले जाओ 74500 पन्नों का दस्तावेज
दस्तावेज पाने के लिए शख्स ने सरकार के खाते में 1 लाख 49 हजार की रकम जमा कराई. लेकिन, सरकारी कार्यालय ने बोरियों में बांधकर रखे गए 74 हजार 500 पन्नों वाले ये दस्तावेज उसके घर तक पहुंचाने से इनकार कर दिया है.
झारखंड के रामगढ़ जिले में राइट टू इन्फॉर्मेशन के तहत एक सरकारी कार्यालय से मांगी गई सूचना के जवाब को लेकर अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई है. आवेदक ने जो सूचना मांगी थी, उसका जवाब और उससे जुड़े दस्तावेज पाने के लिए उसने सरकार के खाते में 1 लाख 49 हजार की रकम जमा कराई. लेकिन, सरकारी कार्यालय ने बोरियों में बांधकर रखे गए 74 हजार 500 पन्नों वाले ये दस्तावेज उसके घर तक पहुंचाने से इनकार कर दिया है.
कार्यालय ने आवेदक को कहा है कि वह इन दस्तावेजों को खुद उठाकर ले जाए. इसके जवाब में आरटीआई आवेदक ने कहा है कि यह नियम का उल्लंघन है. या तो सरकारी कार्यालय उसके घर तक दस्तावेज भिजवाए या फिर उसके 1.49 लाख रुपए लौटा दे. त्रिपुरा विधानसभा में BJP MLA के पोर्न देखने का मामला, 5 विधायक निलंबित, विपक्ष का वॉकआउट
यह मामला रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड का है. यहां के रायपुरा गांव के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता बीनू कुमार महतो ने छह मई को लोक सूचना अधिकारी-सह-बीडीओ के पास आरटीआई अर्जी लगाई थी. उन्होंने जानना चाहा था कि गोला प्रखंड में 2020 से 2023 तक 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत दी गयी राशि किस तरह खर्च की गई.
उन्होंने खर्च के ब्योरे से जुड़े दस्तावेज भी मांगे थे. उन्हें पहले जो जवाब दिया गया, उसमें कहा गया कि ये ब्योरे जुटाने के लिए उन्हें प्रखंड के सभी पंचायत सचिवालयों में जाना पड़ेगा. बीनू कुमार महतो ने इस पर आपत्ति जताते हुए नियमों का हवाला दिया और प्रखंड कार्यालय से दस्तावेजों की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध कराने का आवेदन दिया. उन्होंने इसके एवज में मांगी गई 1 लाख 49 हजार की राशि भी कार्यालय में जमा करा दी.
इसके बाद प्रखंड कार्यालय ने 74,500 पन्नों वाले दस्तावेज जुटाए. ये दस्तावेज कुल पांच बोरियों में हैं, जिन्हें रिसीव करने को कहा गया है. इस पर आवेदक महतो ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत लोक सूचना अधिकारी को सूचना और दस्तावेज डाक से उपलब्ध कराना चाहिए.
इधर, मामला संज्ञान में आने पर रामगढ़ के उप विकास आयुक्त रोबिन टोप्पो ने कहा है कि वह देखेंगे कि इसमें क्या रास्ता निकाला जा सकता है.