Delhi: दिल्ली में 121 सालों में दूसरी सबसे अधिक वार्षिक वर्षा हुई

सफदरजंग एयरपोर्ट ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, दिल्ली में 1933 से 25 अक्टूबर तक 121 वर्षो में दूसरी सबसे अधिक वार्षिक वर्षा हुई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, वेधशाला ने सोमवार शाम तक 1,502.8 मिमी बारिश दर्ज की है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

सफदरजंग एयरपोर्ट ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, दिल्ली में 1933 से 25 अक्टूबर तक 121 वर्षो में दूसरी सबसे अधिक वार्षिक वर्षा हुई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, वेधशाला ने सोमवार शाम तक 1,502.8 मिमी बारिश दर्ज की है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में 1933 में 1,534.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो 1901-2021 की अवधि में सबसे अधिक वार्षिक वर्षा है. Delhi: राजधानी में तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं थम रहा डेंगू, अब तक 1006 मामले दर्ज.

18 अक्टूबर तक, दिल्ली में 24 घंटे में 87.9 मिमी की संचित वर्षा हुई, जो 1956 के बाद से सबसे अधिक है. देर से मानसून के बावजूद, दिल्ली में सितंबर और अक्टूबर के महीने में अधिक वर्षा हुई, जो आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रस्थान का समय होता है.

आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो दशकों में यह तीसरी बार है जब दिल्ली में मानसून की बारिश ने 1,000 मिमी के निशान को पार किया है. शहर में 2010 के मानसून सीजन में 1,031.5 मिमी और 2003 में 1,050 मिमी बारिश दर्ज की गई थी.

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) भी सोमवार शाम संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को 160 से सुधरकर सोमवार को 82 हो गया.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की पूवार्नुमान एजेंसी सफर ने कहा कि अगले तीन दिनों तक हवा की गुणवत्ता 'संतोषजनक' से 'मध्यम' श्रेणी में रहने की संभावना है.

वायु गुणवत्ता को 'अच्छा' के रूप में तब वर्गीकृत किया जाता है जब एक्यूआई 0 से 50 के बीच रहता है. एक्यूआई 51-100 के बीच रहने पर 'संतोषजनक', 101-200 के बीच रहने पर 'मध्यम', 201-300 के बीच रहने पर 'खराब', 301-400 के बीच रहने पर 'बहुत खराब', 401-500 के बीच रहने पर 'गंभीर' और 500 से ज्यादा रहने पर 'खतरनाक' माना जाता है.

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