दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: मुस्लिम महिला वोटरों का वीडियो शेयर कर बीजेपी ने कहा ‘NPR के लिए ये कागज रखें सुरक्षित’- हुई ट्रोल

बीजेपी अपने एक ट्वीट के चलते बुरी तरह फंसती नजर आ रही है. शनिवार को कर्नाटक बीजेपी ने कुछ मुस्लिम महिला मतदाताओं का एक वीडियो अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया. इस वीडियो में बुर्का और हिजाब पहने महिला मतदाता अपने वोटर आईडी कार्ड दिखा रही है.

वोटर आईडी कार्ड के साथ मुस्लिम महिलाएं (Photo Credits: Twitter)

बेंगलुरु: बीजेपी (BJP) अपने एक ट्वीट के चलते बुरी तरह फंसती नजर आ रही है. शनिवार को कर्नाटक बीजेपी ने कुछ मुस्लिम महिला मतदाताओं का एक वीडियो अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया. इस वीडियो में बुर्का और हिजाब पहने महिला मतदाता अपने वोटर आईडी कार्ड दिखा रही है. वीडियो के साथ बीजेपी ने लिखा कि अपने यही कागज संभाल के रखिये, एनपीआर (NPR) में दिखाने पड़ेंगे. दरअसल इसके जरिए बीजेपी ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्ट्रर (एनपीआर) का विरोध कर रहे लोगों पर निशाना साधने की कोशिश की. लेकिन यह दांव बीजेपी पर ही भारी पड़ गया. लोग सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी पर निशाना साध रहे है.

'बीजेपी कर्नाटक' ने अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो पोस्ट कर लिखा "कागज़ नहीं दिखाएंगे हम"! ! ! दस्तावेजों को सुरक्षित रखें, आपको इसे एनपीआर के दौरान फिर से दिखाना होगा.” हालांकि यह वीडियो कब और कहा का है, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है. लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो यह वीडियो दिल्ली विधानसभा चुनाव का है और सभी महिलाएं वोट के लिए कतार में खाड़ी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बीजेपी पर हमला, कहा- पार्टी के पास नहीं सीएम पद के लिए योग्य उम्मीदवार

लोगों की प्रतिक्रिया-

मोदी सरकार पर साधा निशाना-

कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने साधा निशाना-

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि एनपीआर के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ेगी. बीते मंगलवार को केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने स्पष्ट किया कि एनपीआर अपडेट करने के दौरान किसी से कोई दस्तावेज नहीं लिया जाएगा. लोगों से केवल यह उम्मीद की जाएगी कि वे अपनी जानकारी और भरोसे के अनुसार सही सूचना उपलब्ध कराएं.

एनपीआर पर लोकसभा में पूछे गए सवाल पर लिखित जवाब देते हुए राय ने कहा "प्रत्येक परिवार से और व्यक्तिगत रूप से जनसांख्यिकी और अन्य विवरण लिए जाएंगे या अपडेट किए जाएंगे. इसके लिए कोई दस्तावेज नहीं लिया जाएगा. आधार संख्या को स्वैच्छिक रूप से एकत्र किया जाएगा. इसके अलावा इस कार्य के दौरान ऐसे किसी भी नागरिक का पता लगाने की कोशिश नहीं की जाएगी, जिनकी नागरिकता संदेहपूर्ण है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एनपीआर की तैयारी से संबंधित राज्यों की चिंता के लिए चर्चा कर रही है.

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